लखनऊ: इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2022 को लोकसभा में रखे जाने के विरोध में देश के 27 लाख बिजली कर्मचारी और इंजीनियर आठ अगस्त को काम छोड़ कर प्रदर्शन करेंगे। ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप करने की पुनः अपील की है जिससे जल्दबाजी में इस बिल को संसद में न पारित कराया जाए और बिजली उपभोक्ताओं तथा बिजली कर्मचारियों समेत सभी स्टेकहोल्डर्स से बातचीत करने के लिये बिल को संसद की बिजली मामलों की स्टैंडिंग कमेटी को संदर्भित कर दिया जाए |
फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे ने रविवार को कहा कि केन्द्र सरकार संसदीय परम्पराओं का उल्लंघन करते हुए इलेक्ट्रीसिटी (अमेण्डमेंट) बिल 2022, आठ अगस्त को संसद के चालू सत्र में रखने जा रही है जिससे पूरे देश के बिजली कर्मचारियों में भारी गुस्सा है। देश के 28 प्रांतों के बिजली कर्मियों ने 08 अगस्त को पूरे दिन काम छोड़कर विरोध प्रदर्शन करने की नोटिस केंद्र सरकार को दे दी है | लाखों की संख्या में बिजली कर्मचारी और इन्जीनियर इलेक्ट्रीसिटी (अमेण्डमेंट) बिल के विरोध में सड़कों पर उतरेंगे।
उन्होंने कहा कि बिल का मसौदा पांच अगस्त को लोकसभा के सांसदों को दिया गया है और इस पर केंद्रीय विद्युत् मंत्री आर के सिंह के दो अगस्त की तारीख में हस्ताक्षर हैं | इससे स्पष्ट है कि इस बिल पर किसी भी स्टेकहोल्डर से राय नहीं माँगी गई है, जो मात्र तीन दिन में संभव भी नहीं है। बिजली संविधान की समवर्ती सूची में है जिसका अर्थ यह होता है कि बिजली के मामले में क़ानून बनाने में केंद्र और राज्य का बराबर का अधिकार है मगर इस बिल पर केंद्र सरकार ने किसी भी राज्य से कमेन्ट नहीं मांगे है जो संसदीय परम्परा का खुला उल्लंघन है।
नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ़ इलेक्ट्रीसिटी इम्प्लोईस एन्ड इंजीनियर्स निर्णय के अनुसार 08 अगस्त को देश भर में सभी ऊर्जा निगमों के तमाम कर्मचारी व अभियन्ता कार्य छोड़कर कार्य स्थल से बाहर आ जायेंगे और दिन भर विरोध प्रदर्शन करेंगे।