लखनऊ न्यूज़: मिशन-2024 को लेकर यूपी भाजपा में निचले स्तर से सांगठनिक बदलाव की कवायद शुरू हो गई है. इसे मंडलों की पुर्नगठन प्रक्रिया से आरंभ किया जा रहा है. जहां बदलाव होना है वहां नामों के पैनल मांगने की तैयारी है. उसके बाद जिलाध्यक्षों व क्षेत्रीय टीम में बदलाव होना है. हालांकि महाजनसंपर्क अभियान की अवधि बढ़ने के कारण जिलाध्यक्षों को एक पखवारे की मोहलत और मिल गई है.
प्रदेश में भाजपा ने संगठनात्मक दृष्टि से प्रदेश को 1918 मंडलों में बांट रखा है. पार्टी के अभियान से लेकर चुनावी रणनीति को जमीनी स्तर पर अमलीजामा पहनाने की जिम्मेदारी इन्हीं मंडल अध्यक्षों की है. अगले साल लोकसभा चुनाव होना है. ऐसे में पार्टी नीचे से ऊपर तक संगठन को दुरुस्त करने में जुटी है. तमाम मंडल अध्यक्ष ऐसे हैं जिनकी शिकायतें हैं या फिर वे निष्क्रिय हैं. ऐसे मंडल अध्यक्ष बदले जाने हैं. मंडल इकाइयो के पुर्नगठन की प्रक्रिया पार्टी ने शुरू कर दी है.
भाजपा के 98 संगठनात्मक जिलों में जिला व महानगर दोनों इकाई शामिल हैं. प्रदेश संगठन के मुताबिक 40 से अधिक जिलाध्यक्ष बदले जाने हैं. काफी समय से यह काम टलता आ रहा है. अब प्रदेश में महाजनसंपर्क अभियान खत्म होने पर 15 जुलाई के बाद इस बदलाव को अमलीजामा पहनाया जाएगा.
क्षेत्रीय टीमों में बड़ा बदलाव नहीं
पार्टी ने कई माह पहले क्षेत्रीय अध्यक्षों में तो बदलाव कर दिया मगर अभी उनकी टीम का गठन नहीं हो पाया है. पार्टी सूत्रों की मानें तो क्षेत्रीय टीम में बहुत ज्यादा बदलाव होने की संभावना नहीं है. खाली पद भरने के अलावा बमुश्किल 20 फीसदी चेहरे ही बदले जाएंगे. यह काम भी महाजनसंपर्क अभियान खत्म होने पर होना है.