परिषदीय स्कूलों के बिजली बिल का भुगतान नहीं करेगा शिक्षा विभाग
परिषदीय स्कूलों के बिजली बिल का भुगतान अब शिक्षा विभाग को नहीं करना पड़ेगा
बरेली, परिषदीय स्कूलों के बिजली बिल का भुगतान अब शिक्षा विभाग को नहीं करना पड़ेगा। ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों के बिजली बिल का भुगतान पंचायती राज विभाग व औद्योगिक क्षेत्र के स्कूलों का भुगतान औद्योगिक विकास प्राधिकरण की ओर से किया जाएगा। इस संबंध में बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह की ओर से आवश्यक दिशा निर्देश जारी कर दिया गया है। बीएसए ने निदेशक के आदेश से अवगत कराते हुए खंड शिक्षा अधिकारियों को स्कूलों का ब्योरा तैयार कर औद्योगिक विकास प्राधिकरण व जिला पंचायत राज अधिकारी को वर्तमान व अवशेष बिलों के भुगतान के लिए पत्राचार करने का निर्देश दिया है।
अधिकतम 100 यूनिट बिजली बिल का ही होगा भुगतान
निदेशक की ओर से जारी पत्र के मुताबिक यूपी कार्पोरेशन द्वारा मीटर रीडिंग के आधार पर ब्लाॅक वार त्रैमासिक बिल स्कूलों को दिया जाएगा। प्रत्येक विद्यालय को वर्ष के अधिकतम 11 माह के लिए 100 यूनिट प्रतिमाह का ही बिजली भुगतान शासन द्वारा किया जाएगा। इसमें प्रावधान यह भी दिया गया है कि विद्यालयों पर विद्युत आपूर्ति की दर सुनिश्चित संस्थाओं को दिए जाने वाले छूट पर होगा। जारी पत्र के अनुसार परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों का हर माह का वास्तविक बिल जो 1 अप्रैल 2018 से देय है, उसका भुगतान ग्राम पंचायतों की ओर से किया जाएगा।
बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत स्कूल व अन्य प्रतिष्ठानों पर मार्च 2018 तक बकाया विद्युत बिलों के भुगतान के लिए निर्गत वित्तीय स्वीकृति के क्रम में यूपीपीसीएल को निदेशालय स्तर से 49269.89 (चार अरब बानबे करोड़ उनहत्तर लाख नवासी हजार) धनराशि अगस्त माह में ही सीधे अंतरित किया जा चुका है। इसके साथ ही 31 अगस्त 2018 तक के बिलों का भुगतान भी निदेशालय स्तर से किया जा चुका है।
शासन की इस पहल से निश्चित रूप से बहुत राहत मिलेगी। शासन के आदेशानुसार सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को संबंधित विभागों से पत्राचार कर बिल व आवश्यक दस्तावेज मुहैया कराने के निर्देश दे दिए गए हैं—विनय कुमार, बीएसए।
अमृत विचार।