यमुना बायोडायवर्सिटी की तर्ज पर बनेगा इको पार्क

Update: 2023-08-10 05:08 GMT

फैजाबाद: राम नगरी में भविष्य के एक और सुंदर सपने का ताना बाना बुना जा रहा है. अयोध्या वासियों के साथ बाहर से आने वाले पर्यटकों के लिए एक ऐसे पार्क के स्थापना की योजना बनाई जा रही है, जहां हर उम्र के लोग प्रकृति की गोद में आनंद का कुछ पल बिता सकें. दिल्ली में बने यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क की तर्ज पर अयोध्या में भी एक सुंदर, सुरम्य और पर्यावरणीय पार्क का खाका खींचे जाने का निर्देश मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने दिया है. इसे इको डेवलपमेंट पार्क का नाम से जाना जाएगा. मुख्य सचिव ने यह जिम्मेदारी प्रभागीय वनाधिकारी सहित मंडलायुक्त व जिले के अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को सौंपी है.

रामपुर हलवारा माझा में जिस स्थल पर मुख्य सचिव के हाथों हरिशंकरी वाटिका की स्थापना की गई थी, इसी भूमि पर इको डेवलपमेंट पार्क बनाया जाएगा. रामपुर हलवारा माझा क्षेत्र में 105.205 हेक्टेयर भूमि वन विभाग को दी गई है. यह भूमि उसी भूमि से चंद कदमों के फासले पर है, जहां कभी थीम पार्क की स्थापना की रूपरेखा खींची गई थी. थीम पार्क तो विवादों में सिमट कर खत्म हो गया लेकिन इको डेवलपमेंट पार्क का स्वरूप क्या होगा, यह भविष्य पर निर्भर है. भूमि बड़ी है और बिना प्रोजेक्ट बने इस पर काम संभव नहीं है. वन विभाग को निर्देशित किया गया है कि वह दिल्ली स्थित यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क के विज्ञानी और लैंडस्केप आर्किटेक्ट से संपर्क कर योजना बनाएं, जिससे अयोध्या में सरयू नदी के किनारे पर्यावरण के अनुकूल एक बेहतरीन पार्क का निर्माण हो सके. वन विभाग का कोई जिम्मेदार अधिकारी दिल्ली जाएगा और दिल्ली विकास प्राधिकरण के अफसरों व विज्ञानी से मुलाकात कर समन्वय स्थापित करेगा, जिस आधार पर अयोध्या में इको डेवलपमेंट पार्क का निर्माण होगा.

रामपुर हलवारा की भूमि पर इको डेवलेपमेंट पार्क के लिए तैयारियां करने का निर्देश दिया गया है. भविष्य के लिए एक सुनियोजित प्लान तैयार किया जाएगा, जहां लोगों का प्रकृति से जुड़ाव को महसूस कर सकें. -सितांशु पांडेय, प्रभागीय वनाधिकारी

पार्क में स्थापित होगी मां सीता की प्रतिमा: इको डेवलपमेंट पार्क को त्रेतायुग से जोड़ने का प्रयास होगा, जिसमें मां सीता की प्रतिमा स्थापित की जाएगी. रामायण के कुछ प्रसंगों को वनों के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा. कैंटीन होगी, बैठने के लिए बेंच होगी, दो चिल्ड्रेन पार्क बनाया जाएगा. फॉरेस्ट ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए नेचर ट्रेल तैयार किया जाएगा. वॉच टावर होंगे. प्राकृतिक रूप से पार्क को विकसित कर आकर्षक बनाया बनाए जाने की योजना है.

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