लखनऊ: लखनऊ में ई-रिक्शा ने ट्रैफिक व्यवस्था को बिगाड़ दिया है. इसके पीछे ई-रिक्शा चालकों की अराजकता सबसे बड़ी वजह है. इससे आजिज आकर ट्रैफिक महकमे ने लखनऊ में ई-रिक्शा का रजिस्ट्रेशन बंद करने की सिफारिश कर दी है.
इस संबंध में ट्रैफिक विभाग ने शासन को पत्र भेजकर आरटीओ कार्यालय में ई-रिक्शा रजिस्ट्रेशन पर रोक लगाने की संस्तुति की है, जिससे शहर के लोगों को राहत दिलाई जा सके.
सड़कों की क्षमता हो गई कम ट्रैफिक विभाग के मुताबिक लखनऊ में ई-रिक्शा की संख्या सड़क की क्षमता से दोगुनी से ज्यादा हो गई है. आरटीओ में 31 मई 2023 तक पंजीकृत ई-रिक्शा की संख्या 48 हजार के करीब थी, जबकि सड़कों की क्षमता ई रिकशों के लिए 18 से 20 हजार तक की बताई जा रही है.
बगैर स्टैंड सड़क पर दौड़ रहे ई-रिक्शा खड़ा करने के लिए स्टैंड नहीं हैं. इसलिए सड़क पर इनकी पार्किंग से जाम लगता है. इन सब बिंदुओं को संज्ञान में लेते हुए रजिस्ट्रेशन बंद करने के लिए जिला सड़क सुरक्षा समिति के जरिए एक प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है.
जाम और हादसे की वजह बन रहे वैसे भी ई-रिक्शा की संख्या बढ़ने को लेकर सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ऑन रोड सेफ्टी ने अपत्ति जताई है. कमेटी ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर कहा है कि बढ़ते ई-रिक्शा जाम और हादसे की वजह बन रहे हैं. इन्हें शहर के भीतर से हटाकर कॉलोनियों के बीच संचालित करने की योजना बनाए.
● ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करना
● कहीं भी ई-रिक्शा को रोक देना
● प्रतिबंधित रूटों पर ई-रिक्शा चलाना
● कहीं से भी सवारी भरना और उतारना
● रात के सफर में हेडलाइट नहीं जलाना
● नाबालिगों का भी ई-रिक्शा चलाना
इन रूट पर सबसे ज्यादा संख्या
● चौक-नक्खास-रकाबगंज चौराहा तक 1500 से 2000
● पॉलीटेक्निक से निशातगंज-आईटी तक 1200 से 1500
● चारबाग से अवध नहरिया चौराहा तक 800 से 1000
शहर में बेतरतीब चल रहे ई-रिक्शा ट्रैफिक पुलिस के लिए सिरदर्द बन गए हैं. इनका रजिस्ट्रेशन बंद करने के लिए शासन को पत्र भेजा गया है, ताकि जाम से आम जनता को राहत दी जा सके.
- रईस अख्तर, डीसीपी ट्रैफिक