नोएडा न्यूज़: शिक्षा विभाग की उदासीनता के चलते एक छात्रा का भविष्य लापरवाही की भेंट चढ़ गया. बिना मान्यता के 12वीं तक संचालित हो रहे एक स्कूल ने छात्रा का पूरा साल बर्बाद कर दिया है. बोर्ड परीक्षा में पंजीकरण न होने के बाद फर्जी स्कूल से पर्दा उठा है. मामले को गंभीरता से लेते हुए एडीएम ने शिक्षा विभाग के अफसरों को तलब कर जवाब मांगा है. जबकि जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है.
जानकारी के अनुसार बरौला निवासी छात्रा दया शर्मा ने गांव के ही न्यू बाल भारती स्कूल में कक्षा 11वीं में दाखिला लिया था. दाखिले के वक्त प्रबंधन ने बताया था कि उनके स्कूल को 12वीं तक की मान्यता है. उन्हें इस वर्ष 15 फरवरी से शुरू होने वाली बोर्ड परीक्षा में शामिल होना था. 12 जनवरी को उनकी प्रयोगात्मक परीक्षा थी, जिसके लिए स्कूल प्रबंधन छात्रा समेत 12वीं के 50 विद्यार्थियों को दादरी के शैफाली स्कूल लेकर पहुंचे, यहां पता चला कि छात्रा का बोर्ड परीक्षा के लिए पंजीकरण नहीं हो सका है. इस कारण उसका प्रवेश पत्र भी नहीं मिलेगा और न ही वह 12वीं की परीक्षा में शामिल हो पाएगी. इससे छात्रा पिछले कई दिनों से डीआईओएस व बीएसए कार्यालय के चक्कर लगा रही थी, लेकिन कार्रवाई न होने के बाद वह जिला अधिकारी कार्यालय पहुंची और शिकायत की. एडीएम वंदिता श्रीवास्तव ने मामले का संज्ञान लिया और स्कूल की जांच कराई.
कोचिंग की मान्यता लेकर स्कूल चला रहे थे
जांच में न्यू बाल भारती स्कूल 12वीं तक बिना मान्यता के चलता पाया गया. स्कूल को सिर्फ 8वीं तक की मान्यता प्राप्त है, लेकिन यहां 12वीं तक के विद्यार्थियों को पढ़ाया जा रहा था. कक्षा नौ से 12 तक छात्रों के लिए कोचिंग चलाने की मान्यता जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय से ली गई थी, लेकिन यह मान्यता भी समाप्त हो चुकी है.
दादरी के वैदिक कन्या इंटर कॉलेज में कक्षा 12वीं की छात्रा का अनुक्रमांक प्रबंधन की लापरवाही के चलते नहीं आ पाया. डीआईओएस कार्यालय में छात्रा की मां ने मामले की शिकायत की. प्रबंधन अभिभावकों को लखनऊ और मेरठ में जाकर इस मामले को रखने के लिए बोल रहे हैं. छात्रा के भाई राहुल ने बताया कि बोर्ड परीक्षा का अनुक्रमांक जारी न होने की वजह उसका वर्ष बर्बाद हो सकता है.
शैफाली स्कूल की भूमिका पर भी सवाल
छात्रों की कक्षा का संचालन न्यू बाल भारती स्कूल में हो रहा था, लेकिन प्रयोगात्मक परीक्षा दिलाने के लिए छात्रों को शैफाली स्कूल भेजा गया. ऐसे में शैफाली स्कूल भी सवालों के घेरे में है. बताया जाता है कि स्कूल 12वीं तक छात्रों को पढ़ाकर फीस वसूल रहा था, जबकि उनका पंजीकरण शैफाली स्कूल से कराया गया था. सूत्रों के अनुसार इस तरह से जिलेभर में कई अन्य स्कूल संचालित हो रहे हैं, लेकिन विभाग इनतक पहुंचने में नाकाम है.
न्यू बाल भारती स्कूल की जांच की गई, स्कूल को 8वीं तक की मान्यता प्राप्त है. इससे ऊपर बिना मान्यता कक्षा चलाने पर डीआईओएस कार्यालय से कार्रवाई होती है. - ऐश्वर्या लक्ष्मी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
मामले में तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई है. जांच के आधार पर स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई की जाएगी. - डॉ. धर्मवीर सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक