सरधना: शनिवार देर शाम सरधना थाने में शॉर्ट सर्किट के चलते तेज ब्लास्ट के साथ आग लग गई। एक के बाद एक करीब आधे घंटे तक ब्लास्ट होते रहे। हादसे में दो पुलिसकर्मी बुरी तरह झुलस गए। जिन्हें आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया। साथ ही साइबर सेल, मालखाना व रसोईघर में भीषण आग लग गई।
दर्जनभर बाइक समेत संत्री की इंसास व तमाम सामान जल गया। कुछ ही देर में आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। बैरक में मौजूद पुलिसकर्मियों ने छतों से कूदकर अपनी जान बचाई। मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड और लोगों की मदद से पुलिस ने किसी तरह आग पर काबू पाया। सूचना पर एडीजी आईजी व एसएसपी हालात का जायजा लेने पहुुंचे।
शनिवार की शाम पुलिसकर्मी केशव अत्री संत्री की ड्यूटी में लगा था। करीब साढ़े सात बजे वह साइबर सेल के बाहर बैठा था। तभी उसके ऊपर मौजूद विद्युत बॉक्स में चिंगारी उठी ओर आग लग गई। बराबर में मौजूद रसोईघर की सिलेंडर लाइन ने आग पकड़ ली। साइबर सेल में मौजूद पुलिसकर्मी सुमित व केशव अत्री बुरी तरह झुलस गए। आग की आगोश में पुलिसकर्मी किसी तरह बाहर निकले।
आनन-फानन में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। कुछ ही देर में आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। एक के बाद एक तेज ब्लास्ट होते गए। साबर सेल के ऊपर बने बैरेक में मौजूद पुलिसकर्मियों ने छतों से कूदकर अपनी जान बचाई। मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की गाड़ी और लोगों की मदद से घंटों मशक्कत करके किसी तरह आग पर काबू पाया गया।
सूचना मिलते ही एडीजी राजीव सब्बरवाल, आईजी नचिकेता झा व एसएसपी रोहित सिंह सजवाण मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया। साथ ही अस्पताल में पहुंच कर झुलसे पुलिसकर्मियों का स्वास्थ्य जाना और घटना की वास्तविक जानकारी ली। हादसे में भारी नुकसान होना बताया जा रहा है।
इंसास में लगी गोली भी फटी
जिस समय हादसा हुआ, संत्री केशव जान बचाने के लिए इंसास छोड़कर भाग खड़ा हुआ। आग की चपेट में आकर इंसास भी पिघल गई। इंसास में लगी गोली भी फट गई। आग में आने से कई चलना भी बताया जा रहा है। हालांकि इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी।
एक मिनट पहले ही निकला था मुंशी
मालखाने का इंचार्ज मुंशी हेमेंद्र सिंह अधिकांश समय साइबर सेल के दफ्तर में बैठकर ही अपना काम करता है। हादसे से करीब एक महीने पहले ही उसे उल्टी लगने की शिकायत हुई। वह तुरंत अपने कमरे की ओर मुंह धोने के लिए भागा। इससे पहले ही मुंंशी मुंह धोता, उसे धमाके की आवाज सुनाई दी। मुंशी आवाज की ओर दौड़ा तो देखा कि उसका दफ्तार जल रहा है। यह देखकर कुछ देर के लिए मुंशी सुन रह गया। उसे समझ नहीं आया कि क्या करे।
महिला पुलिसकर्मियों में भगदड़ मची
साइबर सेल व मालखाने के ठीक बराबर में महिला पुलिसकर्मियों के क्वार्टर बने हुए हैं। हादसे के समय लगभग सभी महिला पुलिसकर्मी अपने कमरोें में थी। जैसे ही आग लगने से तेज धमाके हुए उनमें दहशत फैल गई। कुछ ने कमरे में रहने की सलाह दी। मगर कुछ ने सूझबूझ का परिचय देते हुए तुरंत बाहर की ओर भागी। इसके बाद सभी पुलिसकर्मी हादसे से दूर भागी।
कब-कब क्या हुआ?
7.30 पर संत्री केशव वेटिंग रूम में बैठा।
7.32 पर बोर्ड में शॉर्ट सर्किट हुआ।
7.33 पर सबसे तेज धमाका हुआ।
7.40 पर आग से झुलसे केशव व सुमित जान बचाने को भागे।
7.45 पर मालखाने तक आग पहुंची।
7.47 पर पटाखों में लगातार धमाके हुए।
7.50 पर लोगों की मदद से वाहन हटाए।
8.00 बजे नगर पालिका से टैंकर पहुंचा।
8.15 पर फायर ब्रिगेड की गाड़ी मौके पर पहुंची।
8.20 पर आग बुझाने का काम शुरू हुआ।
8.30 पर एसएसपी रोहित सिंह सजवाण पहुंचे।
9.00 पर आईजी नचिकेता झा पहुंचे।
9.15 पर एडीजी राजीव सब्बरवाल पहुंचे।