जनता से रिश्ता वेबडेस्क | लखीमपुर खीरी- जिले के तराई में बसा इकलौता विश्व विख्यात दुधवा टाइगर रिजर्व इस वक्त वन्यजीवों की कब्रगाह बन चुका है,वन्यजीवों की खान कहे जाने वाले दुधवा में अब वन्यजीवों की हो रही संदिग्ध मौतों को देखते हुए।
अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है और उन्होंने जांच के आदेश दे दिए हैं। वहीं वन विभाग के आला अधिकारियों पर वन्यजीव प्रेमियों में खाशा आक्रोश दिखाई देने लगा है, दुधवा टाइगर रिजर्व में लगातार बाघ और तंदुओं की संदिग्ध रूप से मौंते हो रही है जिससे पार्क प्रशासन की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा हो रहा है ।
बता दे की बीते 45 दिनों में लगातार बाघों की संदिग्ध रूप से मौतें हो रही हैं जिनमें हाल ही में दो बाघों की संदिग्ध रूप से मौतें हुई थी तो वहीं दूसरी ओर बीते कुछ दिन पूर्व भी टाइगर रिजर्व के ही अफसरों के सामने ही एक बाघिन की संदिग्ध रूप से मौत हो गई अभी यह मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि बीते सोमवार की सुबह एक ग्राम प्रधान के घर में एक तेंदुए का शव बरामद होने से पर फिर पार्क प्रशासन में हड़कंप मच गया।
हैरानी वाली बात यह सामने आई कि फिर शुक्रवार की सुबह मैलानी वन रेंज में एक बाघ का संदिग्ध अवस्था में शव पड़ा मिलने से एक बार फिर पार्क प्रशासन की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े हो गए। तो दूसरी और एक सोचने वाली बात यह सामने आती है कि हर बार वन विभाग के अधिकारियों के द्वारा आपसी संघर्ष की लड़ाईयों के कारण ही इन बाघों की मौतें हो रही है।
लेकिन बड़ा सवाल फिर भी वहीं आकर ठहर जाता है कि आखिर दुधवा टाइगर रिजर्व में वन्यजीवों की सुरक्षा व अन्य सुविधाओं के लिए जो बजट दिया जाता है या फिर उस बजट को लेकर कितना काम किया जाता है और साथ ही वन विभाग जंगलों में कांबिंग करने की बात कहता है उसके बावजूद भी लगातार वन्य जीवों की मौतों का सिलसिला ठहरता क्यों नहीं है।
फिलहाल बाघों की मौत होना चिंता का विषय बनता साफ रुप से दिखाई दे रहा है । इस बात पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा संज्ञान लेने के बाद अब वन विभाग के अधिकारियों को जांच के आदेश दिए हैं और तत्काल ही जांच कर रिपोर्ट भी मांगी गई है। फिलहाल वन मंत्री अरुण सक्सेना वाह मुख्य सचिव दुधवा पहुंचे हैं जहां पर उन्होंने जांच कर कार्रवाई की बात कही है।