लखनऊ। वर्ल्ड एनेस्थीसिया दिवस पर डॉ.राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के एनेस्थीसिया एवं किटिकल केयर मेडिसिन विभाग द्वारा एक शैक्षणिक कार्यक्रम प्रो.दीपक मालवीय, विभागाध्यक्ष एनेस्थीसिया विभाग की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। जिसके मुख्य अतिथि एंव मुख्य वक्ता डॉ. जे. बालावेंकट सुब्रमण्यन, सीनियर कंस्लटेंट एवं शैक्षणिक निदेशक, एनेस्थीसिया विभाग,गंगा मेडिकल सेंटर एवं हॉस्पिटल,कोयम्बटूर रहे। इस अवसर पर एक पोस्टर प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। जिसमें लखनऊ के विभिन्न शैक्षणिक मेडिकल संस्थानों के छात्रों ने प्रतिभाग किया। प्रतियोगिता के निर्णायक मण्डल में डॉ.बालावेंकट सुब्रमण्यन,डॉ.दीपक मालवीय, डॉ.जीपी सिंह एवं डॉ. सीके पाण्डेय सम्मिलित रहे। पोस्टर प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर डॉ.खुशबू राना,द्वितीय स्थान पर डॉ.अजय अग्रहरी एवं तृतीय स्थान डॉ. अश्विन गुप्ता रहे।
इस मौके पर प्रो. दीपक मालवीय ने एनेस्थीसियोलॉजी के 176 वर्ष की इस सफल यात्रा में इसके पुराने इतिहास और इसके हो रहे तेजी से विकास एवं भविष्य में एनेस्थीसिया में और क्या बेहतर किया जा सकता है इसके बारे में अपना वक्तव्य दिया। डॉ. जे. बालावेंकट सुब्रमण्यन ने कहा कि एक एनेस्थीसियोलॉजिस्ट का काम इमरजेंसी में सबसे पहले मरीज को रीजनल ब्लॉक के साथ दर्द से मुक्त करना होता है और आॅपरेशन थियेटर एवं पूरे अस्पताल में एक फिजीशियन की भांति कैसे कार्य करना है उसके बारे में बताया प्रो. जीपी सिंह, विभागाध्यक्ष एनेस्थीसिया एवं डॉ. सीके पाण्डेय,निदेशक एनेस्थीसिया, मेदांता हॉस्पिटल लखनऊ ने भी सभा को संबोधित किया। उक्त अवसर पर विभाग के संकाय सदस्य, सीनियर रेजीडेंट एवं जूनियर रेजीडेंट एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।