डॉ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय पेपर लीक मामला, पुलिस ने जब्त किए 30 मोबाइल फोन, जांच में सामने आई यह बात
पढ़े पूरी खबर
आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के बीएससी व बीए तृतीय वर्ष गणित और बीएससी तृतीय वर्ष जंतु विज्ञान के पेपर लीक मामले की जांच में पुलिस को अहम सुराग मिले हैं। रविवार को पुलिस ने अछनेरा के गांव झारोठी में दबिश दी। एक निजी कॉलेज के शिक्षक को उठाया गया। उससे पूछताछ की जा रही है। वहीं थाना लोहामंडी पुलिस ने 30 मोबाइल जब्त किए हैं। हालांकि इनमें से चार में ही लीक पेपर की फोटो मिली है। कहा जा रहा कि बाकी से पेपर डिलीट कर दिया गया है।
आगरा कॉलेज के बाहर बुधवार को दस छात्र-छात्राएं पकड़े गए थे। वे मोबाइल में प्रश्नपत्र देख रहे थे। इसे हल करने के बाद परीक्षा में बैठने वाले थे। कॉलेज प्रशासन की टीम ने छात्र-छात्राओं से पूछताछ की थी। उनके मोबाइल जब्त किए थे। जांच की गई तो चार मोबाइल में ही लीक पेपर की फोटो मिली।
थाना लोहामंडी के प्रभारी निरीक्षक देवेंद्र शंकर पांडेय ने बताया कि 30 मोबाइल जब्त किए गए हैं। पड़ताल में पता चला है कि व्हाट्सएप पर पेपर की फोटो भेजी गई थी। छात्रों के पास आने पर उसे एक मोबाइल से दूसरे मोबाइल पर भेज दिया गया। एक-एक मोबाइल को चेक किया गया, लेकिन चार में ही पेपर मिला। बाकी में डिलीट कर दिया गया। यह पेपर पहली बार किसने और किसको भेजा? अभी इसका पता नहीं चला है। 30 से अधिक छात्रों से पूछताछ की जा चुकी है। वहीं मोबाइल से पेपर की फोटो डिलीट की गई होगी तो इसके लिए भी जांच की जाएगी।
पुलिस का कहना है कि अछनेरा के गांव झारौठी में दबिश देकर एक युवक को पकड़ा है। जांच में उसका नंबर मिला था। चर्चा है कि युवक एक कॉलेज में शिक्षक है। उससे पुलिस पूछताछ कर रही है। पुलिस को पहले ही दिन से किसी निजी कॉलेज से पेपर आउट होने का शक है। पेपर कोई छात्र आउट करेगा इसमें संशय है। पेपर नोडल सेंटर से कॉलेज पर पहुंचता है। इसके बाद परीक्षा दिलाई जाती है।
एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि पेपर लीक करने वालों के बारे में अहम सुराग मिले हैं। इस पर पुलिस टीम कार्य कर रही है। आगे पेपर लीक न हो, उसको लेकर बैठक की गई है। प्रथम दृष्टया पेपर किसी न किसी कॉलेज से लीक हुआ है। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
प्रश्नपत्र आउट होने पर विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से बनाई गई जांच समिति के सदस्य डीन अकादमिक प्रोफेसर संजीव कुमार ने बताया कि पुलिस की जांच में अछनेरा का एक कॉलेज है, जिसको नोडल सेंटर बिचपुरी से प्रश्नपत्र भेजा गया था। एक घंटे में प्रश्नपत्र पहुंच जाना चाहिए था। मगर, पौने दो घंटे में प्रश्नपत्र पहुंचा। इतना अधिक समय क्यों लगा ? इस पर जांच की जा रही है।