राधाकुंड और श्यामकुंड में 5100 द्वीपों का दानकर तीर्थ को जगमगाया, जानिए विस्तार से

सुरक्षा व्यवस्था के रहे पुख्ता इंतजाम

Update: 2022-06-23 12:15 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिस्ता वेबडेसक |  मथुरा में अहोई आष्टमी के पावन पर्व पर राधाकुंड और श्यामकुंड आस्था की आभा से जगमगा उठा है। किसी को संतान सुख की चाह तो कोई मनोकामना पूरी होने पर श्रीधाम राधाकुंड पहुंचा। श्रद्धा, भक्ति और विश्वास से जुड़े अहोई अष्टमी मेला के दौरान डेढ़ लाख से अधिक दंपतियों ने राधारानी कुंड में डुबकी लगाने का अनुमान है। रात 12 बजे से महास्नान शुरू होगा। 

शाम श्रील प्रभुपाद के अनुयायियों ने शाम को राधाकुंड और श्यामकुंड में 5100 द्वीपों का दानकर तीर्थ को जगमग कर दिया। इन दीपों की रोशनी से दोनों ही कुंड रोशनी से सराबोर हो गए। कार्यक्रम संयोजक अभिषेक मिश्रा ने बताया कि दीपदान का यह महोत्सव श्रील प्रभुपाद के अनुयायियों ने किया। बताया कि गोवर्धन पूजा के दिन पांच नवंबर को दानघाटी से अन्यौर तक पुन: दीपदान उत्सव होगा। इसमें 51000 दीपों का दान भक्तों द्वारा किया जाएगा। 

बृहस्पतिवार की सुबह से ही राधाकुंड के घाटों पर भीड़ दिखाई देने लगी थी। शाम होने तक भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है। रात 12 बजे महास्नान शुरू होगा, जो शुक्रवार की सुबह चार बजे तक चलेगा। सुबह तड़के कार्तिक नियम सेवा में ब्रजवास कर रहे देशी-विदेशी भक्त भी राधाकुंड में स्नान करेंगे। 

मान्यता है कि अहोई अष्टमी पर रात में राधारानी कुंड में स्नान करने से नि:संतान दंपतियों को संतान का सौभाग्य मिलता है। मनोकामना पूरी होने के बाद श्रद्धालु दूर-दूर से आए हैं। हजारों भक्तों ने गिरिराज जी की परिक्रमा करते हुए राधारानी कुंड पर पूजा अर्चना की। स्नान से पूर्व दीपदान किया। 

पूरे परिक्रमा से लेकर राधाकुंड नगर में हर ओर श्रद्धालु राधे की भक्ति में डूबे नजर आ रहे हैं। पूरी रात समस्त मंदिरों एवं आश्रमों में धार्मिक आयोजन होंगे। राधा कृपा कटाक्ष से लेकर कृष्ण कृपा कटाक्ष व राधे-राधे के उद्घोषों के गायन से श्रीधाम राधाकुंड गुंजायमान है। विदेशी भक्त भी हरिनाम संकीर्तन का गायन कर रहे हैं। 

अहोई अष्टमी पर्व संतान सुख से जुड़ा है। व्रत संतान की लंबी आयु और संतान प्राप्ति की कामना से किया जाता है। महिलाओं ने संतान की लंबी आयु की कामना के साथ माता अहोई की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की। महिलाओं ने निर्जला व्रत रखा। शाम को आकाश में तारे देखने और अर्घ्य देने के बाद व्रत खोला। 

सुरक्षा व्यवस्था के रहे पुख्ता इंतजाम 

इस बार अहोई अष्टमी मेला को संपन्न कराने के लिए प्रशासन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था के खास इंतजाम किए गए हैं। चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती की गई है। डीएम नवनीत सिंह चहल व एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर के दिशा-निर्देश पर मेला अधिकारी की ओर से एक जोन व तीन सेक्टर में मेला को बांटा गया। खोया-पाया शिविर लगाया गया। 

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