प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि वकालत वाणिज्यिक व्यवसाय नहीं है। अधिवक्ता न्यायालय अधिकारी होता है। वह वकालत के साथ अन्य व्यवसाय नहीं कर सकता। अधिवक्ता चेंबर में घरेलू विद्युत कनेक्शन चार्ज लिया जायेगा।
कोर्ट ने नोएडा पावर कार्पोरेशन द्वारा वाणिज्यिक बिजली दर लेने को विभेदकारी माना है और वकीलों से घरेलू विद्युत चार्ज लेने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति एस पी केशरवानी तथा न्यायमूर्ति अनीस कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने तहसील बार एसोसिएशन सदर तहसील परिसर गाजियाबाद की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है।
याचिका में तहसील परिसर में वकीलों के चेम्बर में वाणिज्यिक बिजली दर लेने को चुनौती दी गई थी।