डॉग पंजीकरण शुल्क अब पांच सौ रुपये सालाना

Update: 2023-07-07 05:13 GMT

गोरखपुर न्यूज़: गोरखपुर नगर निगम डॉग लवर से अब 500 रुपये सालाना पंजीकरण शुल्क लेगा. पंजीकरण के लिए शीघ्र ही अभियान चलाया जाएगा. डॉग पंजीकरण न कराने वालों पर भी सख्ती बरतते हुए जुर्माना वसूल किया जाएगा. जुर्माना की धनराशि 5 हजार से 10 हजार रुपये तक हो सकती है. पंजीकरण के दौरान डॉग को लगने वाले एंटी रैबीज टीकाकरण का प्रमाण पत्र भी देखा जाएगा.

नगर निगम अधिकारियों का मानना है कि महानगर में विभिन्न प्रजाति के 5 हजार से अधिक डॉग, पाले जा रहे हैं. बकायदा कुछ लोग ब्रीडिंग सेंटर भी संचालित कर रहे हैं. लेकिन काफी सख्ती और जागरूकता अभियान के बाद भी अब तक 126 डॉग का ही पंजीकरण किया जा सका है. जबकि तमाम घरों में तीन से चार डॉग पाले जा रहे हैं. नियमानुसार डॉग पालने वालों को नगर निगम में पंजीकरण कराना होता है लेकिन ज्यादातर लोग ऐसा नहीं कर रहे हैं. नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने कहा कि प्रति डॉग 500 रुपये पंजीकरण शुल्क सालाना लिया जाएगा. पंजीकरण न कराने वालों से जुर्माना वसूला जाएगा. पहले पंजीकरण शुल्क 100 रुपये था.

धन के गबन में लिपिक को तीन वर्ष की कैद

धोखाधड़ी कर सरकारी धन गबन करने का जुर्म सिद्ध पाए जाने पर विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम तनु भटनागर ने देवरिया जिले के जिला समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय के तत्कालीन कनिष्ठ लिपिक अजय विश्वकर्मा को तीन साल के कठोर कारावास एवं 50 हजार रुपये व तत्कालीन वरिष्ठ लिपिक रामलाल को तीन साल के कठोर कारावास एवं 25 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया है.

अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक प्रमेश राम त्रिपाठी का कहना था कि वादी जिला समाज कल्याण अधिकारी केआर गुप्ता ने मुकदमा दर्ज कराया. अभियुक्त अजय कुमार विश्वकर्मा व रामलाल वर्ष 1994 से 1995 तक देवरिया में जिला समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय में कनिष्ठ लिपिक व वरिष्ठ लिपिक के पद पर थे. दुरभि संधि कर जिला समाज कल्याण अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर आवेदन फार्म व चेकों पर बनाकर 5 लाख 67 हजार का गबन किया.

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