अलीगढ़: अलीगढ़ शासन ने चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय के लिए ऑपरेशन क्लीन शुरू किया है. लंबे समय से जमे बाबुओं को तत्काल हटाने को कहा गया है. कई चिकित्सा शिक्षकों की संबद्धता खत्म कर उन्हें मूल तैनाती वाले मेडिकल कॉलेजों में भेज दिया गया है. इनमें तमाम आरोपों से घिरे एक चर्चित चिकित्सा शिक्षक भी शामिल हैं. एक बार हटाए जाने के बाद बिना शासन की अनुमति के ही इनको दोबारा निदेशालय में संबद्ध किया गया था. इन दिनों भी निदेशालय में इनकी तूती बोल रही है.
चर्चित डॉक्टर को हटाया राजकीय मेडिकल कॉलेज कानपुर के सहायक आचार्य डा. सचिन कुमार की संबद्धता खत्म कर उन्हें वापस कानपुर भेजा गया है. इन्हें बिना शासन की अनुमति के 15 नवंबर 2022 को निदेशालय स्तर से ही संबद्ध कर लिया गया था. इनके तबादले को लेकर सोशल मीडिया पर कई लोगों ने तीखी टिप्पणी की हैं. दरअसल, डा. सचिन पुरानी सरकार में पूर्व डीजी केके गुप्ता के समय भी बेहद चर्चा में रहे थे. इनके अलावा राजकीय मेडिकल कॉलेज प्रयागराज के प्रोफेसर डा. श्रीष सिंह, राजकीय मेडिकल कॉलेज झांसी के प्रोफेसर डा. बीडी सिंह को भी उनके मेडिकल कॉलेज में वापस भेजा गया है.
सहारनपुर, कन्नौज, बहराइच और प्रतापगढ़ से डा. दीपेश कुमार, डा. इंदु श्री, डा. आलोक पाल, डा. राहुल सैनी व डा. विपिन कुमार की संबद्धता के निदेशालय के प्रस्ताव को शासन ने स्वीकृत कर दिया है. 10 साल से अधिक समय से जमे बाबुओं की संबद्धता खत्म करते हुए नये लोगों को संबद्ध करने के निर्देश महानिदेशक को दिए गए हैं. आदेश शासन के विशेष सचिव राम यज्ञ मिश्र ने जारी किए हैं.