बांदा। छत से गिरकर घायल तीन वर्षीय मासूम बच्ची के इलाज के लिए परिवार के पास पैसे नहीं थे। जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने बच्ची को रेफर कर दिया था। ऐसे में रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज के डॉ अरविंद झा घायल मासूम बच्ची के लिए भगवान बन गए। उन्होंने ब्रेन सर्जरी करके इस बच्ची की जान बचाई। बच्ची की मां और नानी डॉक्टर को दुआएं दे रही हैं।
जानकारी के मुताबिक बांदा के छोटी बाजार निवासी महक साहू उम्र तीन वर्ष एक हफ्ते पहले छत से गिर गई थी। जिससे उसके सिर पर गम्भीर चोट आ गई थी। बच्ची महक की मां मोहनी साहू अपनी बच्ची महक को लेकर जिला अस्पताल पहुंची। जहां से उसे हालत गम्भीर होने की वजह से रेफर कर दिया गया। बच्ची के पिता की पहले ही मौत हो चुकी थी, मां की माली हालत ठीक नहीं थी। मां अपनी बच्ची को लेकर रानी दुर्गावती मेडिकल कालेज पहुंची। जहां न्यूरो सर्जन डा. अरविन्द कुमार झा ने बच्ची को भर्ती कर लिया और बच्ची की ब्रेन सर्जरी की जिससे उसकी जान बच गई और बच्ची अब पूरी तरह ठीक है।
न्यूरो सर्जन डाक्टर अरविन्द कुमार झा ने बताया कि छत से गिरने की वजह से बच्ची के सिर की हड्डी टूट कर दिमाग में घुस गई थी। ऑपरेशन बहुत जरूरी था, हमने लगभग एक घण्टे तक चले ऑपरेशन के बाद बच्ची के दिमाग में फंसी हड्डी निकालने में सफलता पाई। डाॅक्टर ने बताया कि अब बच्ची पूरी तरह ठीक है।
डाक्टर ने बताया कि अगर ये ऑपरेशन किसी प्राइवेट अस्पताल में कराया जाता तो लगभग पचास हजार रुपये खर्च हो जाते, जबकि रानी दुर्गावती वती मेडिकल कालेज में सिर्फ सरकारी फीस में ही यह ऑपरेशन हो गया। बच्ची की मां मोहनी साहू और नानी रामबाई साहू ने डाक्टर अरविन्द कुमार झा और उनके बच्चों को दिल से दुआएं दी है।