नगरपालिका में डीएम होंगे प्रशासक, जनपद में कल से नई व्यवस्था होगी लागू
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मुजफ्फरनगर। जनपद के सभी 10 नगर निकायों सहित नगरपालिका परिषद् मुजफ्फरनगर में भी कल से नई व्यवस्था होने जा रही है। इस बार अदालती फैसले के कारण निकायों में प्रशासक तैनात नहीं होंगे, बल्कि अब निकार्यों में डीएम राज स्थापित होने जा रहा है। कार्यकाल समाप्त होने से पूर्व में ही प्रदेश के प्रमुख सचिव नगर विकास ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों को निकायों में व्यवस्था संभालने के आदेश जारी कर दिये हैं। इसमें डीएम की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय समिति कामकाज संभालेगी। इससे पूर्व पालिका में कार्यकाल समाप्ति पर ईओ को प्रशासक के रूप में चार्ज संभालने के आदेश शासन ने जारी किये थे, जिन पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। बता दें कि साल 2017 के चुनाव में नगरपालिका परिषद में चेयरमैन पद के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में अंजू अग्रवाल ने आजपा प्रत्याशी को पराजित कर जीत हासिल की थी। इसके बाद अंजू अग्रवाल ने खुद को नगरवासियों की केयर टेकर मानकर विकास की नई गाथा लिखना शुरू किया। उनके कार्यकाल में कई ऐतिहासिक कार्य हुए, जिनमें प्रमुख रूप से श्मशान घाट और गरीब कन्या विवाह स्थल का निर्माण कराने के साथ ही रेलवे स्टेशन रोड मण्डी में नाले पर पार्क का निर्माण भी प्रमुख रूप से शामिल हैं, लेकिन उनका पूरा कार्यकाल विवाद की भेंट चढ़ गया। इस बीच उन्होंने भाजपा ज्वाइन की, लेकिन भाजपा के सभासद और दूसरे नेता ही उनकी राह में सबसे बड़ी बाधा बनकर खड़े रहे और अंततः उनके अधिकार सीज करा दिये गये। इसी को लेकर चल रही खींचतान में उनका कार्यकाल भी 12 दिसम्बर से 6 जनवरी पहली बोर्ड बैठक के आयोजन के कारण बढ़ गया, लेकिन उनको अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में विकास कार्य न करा पाने का अफसोस ही बना रहा। यह खींचतान अब बोर्ड का कार्यकाल पूर्ण होने पर खत्म होने जा रहा है और पालिका सहित जिले की सभी दस नगर निकायों में अब चेयरमैनों का राज पूरा होने के साथ ही डीएम राज शुरू होने वाला है।
यूपी नगर निकाय चुनाव करीब करीब 6 माह पीछे हटने के कारण अब निकार्यों में नया राजकाज दिखाई देने वाला है, इसके लिए शासन के नगर विकास अनुभाग-1 की ओर से नया फरमान जिले में पहुंच चुका है। इसमें बताया गया कि प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात की ओर से विगत 12 दिसम्बर को नगर निकाय में निर्वाचित बोर्ड का कार्यकाल समाप्त होने पर प्रबंधन की व्यवस्था संभालने के लिए दिशा निर्देश जारी किये थे, इसमें हाईकोर्ट इलाहाबाद में दायर पीएलआई संख्या 878/2022 वैभव पाण्डेय बनाम उत्तर प्रदेश सरकार व अन्य तथा 92 अन्य सम्बंधित याचिकाओं में हाईकोर्ट खंडपीठ द्वारा 27 दिसम्बर को पारित आदेश में 12 दिसम्बर के उक्त आदेश को खारिज कर दिया गया और कार्यकाल पूर्ण होने पर नगर निकायों के कार्यों को सम्पादित करने के लिए त्रिस्तरीय समिति गठित करने की व्यवस्था दी गयी है। प्रमुख सचिव ने डीएम से हाईकोर्ट के आदेश का अक्षरशः पालन करते हुए निकायों में प्रबंधन के लिए त्रिस्तरीय समिति गठित करने के निर्देश दिये हैं। सूत्रों के अनुसार हाईकोर्ट ने अपने 27 दिसम्बर के आदेश में निकायों में डीएम की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन कर संचालन कराने के आदेश दिये हैं। समिति में डीएम के अलावा निकाय के संबंधित ईओ और जिला स्तरीय अधिकारी, जिसको डीएम नामित करेंगे। नगरपालिका परिषद् में चैयरमैन की कुर्सी को कांटों भरा ताज कहा जाता रहा है। क्योंकि इस कुर्सी पर बैठने वाले किसी भी चैयरमैन ने अपना कार्यकाल पूर्ण नहीं किया। उनके अधिकार सीज हुए या अविश्वास प्रस्ताव में उनको हटाया गया, लेकिन चैयरमैनों ने जब कार्यकाल पूर्ण किया तो वो चार्ज पर ही वापसी पाने में सफल रहे और इसका माध्यम कोर्ट बना है। ऐसे में पालिका की चैयरपर्सन अजू अग्रवाल के नाम एक अनोखा ही रिकार्ड बनता नजर आ रहा है। इसमें शायद वो जिले की ऐसी पहली चेयरमैन होगी, जो हाईकोर्ट से राहत पाने के बावजूद बिना चार्ज के ही कार्यकाल पूर्ण कर विदा हो गयी। दरअसल 24 नवम्बर को हाईकोर्ट ने शासन के द्वारा उनको बर्खास्त करने का आदेश निरस्त कर अधिकार बहाल कर दिये थे और उनके कामकाज में किसी को हस्तक्षेप नहीं करने की हिदायत दी थी, लेकिन इस आदेश के करीब 32 दिन बाद आज तक भी उनको शासन ने चार्ज नहीं दिया और 6 जनवरी को उनका कार्यकाल पूर्ण हो रहा है।