कानपूर न्यूज़: डीएम विशाख जी ने आखिरकार नगर निगम की त्रिसदस्यीय कमेटी के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाल लिया. दूसरी ओर की शाम को जारी किए गए नए शासनादेश ने उहापोह की स्थिति खत्म कर दी. अब नगर निगम के स्थानीय निकाय प्रभारी के रूप में एडीएम इस कमेटी के सदस्य नहीं रहेंगे. नगर पालिका परिषदों तक ही उनकी सदस्यता रहेगी. नगर निगम में नगर आयुक्त और मुख्य लेखाधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर से चेक जारी होंगे. यह व्यवस्था स्थानीय नगर निकाय चुनाव होने तक बरकरार रहेगी.
प्रशासनिक कार्यों की निगरानी अध्यक्ष के नेतृत्व में होगी. नगर आयुक्त के दायित्वों और कार्यों में कोई कटौती नहीं की गई है. सारे दायित्व बहाल कर दिए गए हैं. इससे पहले जारी शासनादेश में प्रदेश के सभी नगर निगमों के नगर आयुक्तों के वित्तीय अधिकार फ्रीज कर दिए गए थे. सिर्फ सदस्य की भूमिका में ही रह गए थे. नगर निगम में भी प्रशासक पद नहीं होगा. इसकी जगह महापौर वाले चैंबर के बाहर कमेटी रूम का बोर्ड लगेगा. वहीं नगर निगम के बाद जलकल मुख्यालय से भी महापौर प्रमिला पांडेय के नाम का बोर्ड हटा दिया गया है.