गोमतीनगर में दोस्तों के बीच विवाद 12वीं के छात्र को पीटकर मार डाला

Update: 2022-11-29 09:20 GMT
उत्तरप्रदेश। गोमतीनगर के विभवखंड में दोपहर छात्र गुटों के बीच हुए संघर्ष में 12वीं के छात्र की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. आरोपी छात्र उसे बालू के ढेर पर फेंककर भाग गए. झगड़े की सूचना पर पहुंचे दोस्त संजय ने छात्र को लोहिया अस्पताल पहुंचाया. दोस्त ने ही छात्र के पिता को फोन कर सूचना दी. माता-पिता अस्पताल पहुंचे तब तक अंश की मौत हो चुकी थी. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है. देर रात कुछ छात्रों से पूछताछ की गई है.
चिनहट सेमरा निवासी शंकराचार्य तिवारी बाराबंकी आरटीओ कार्यालय के प्रवर्तन दस्ते में सिपाही हैं. परिवार में पत्नी ममता तिवारी और बड़ा बेटा नवनीत तिवारी हैं. छोटा बेटा अंश (18) विभवखंड स्थित एलपीएस स्कूल में 12वीं का छात्र था. अंश सुबह घर से निकला लेकिन स्कूल नहीं पहुंचा. पुलिस की जांच में पता चला कि दोपहर छुट्टी के बाद विभव खंड स्थित रायल एकेडमी के पास कुछ छात्रों के बीच मारपीट हुई थी. बचने के लिए अंश दोस्त आयुष्मान के साथ भागा था. कुछ दूर दौड़ने के बाद वह लड़खड़ा कर गिर गया. अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने मौत होने की पुष्टि कर दी. छात्र की मां ममता ने बताया कि दोपहर करीब एक बजे उन्हें पति ने फोन कर लोहिया अस्पताल पहुंचने के लिए कहा. इस बीच शंकराचार्य भी बाराबंकी से अस्पताल आ गए. उन्होंने बताया कि बेटे का कुछ दिन पूर्व भी विवाद हुआ था. पिता ने एक स्कूल में पढ़ने वाले तीन छात्रों पर शक जताया है. डीसीपी पूर्वी प्रार्ची सिंह ने बताया कि छात्रों के बीच हुए झगड़े में अंश तिवारी की मौत हुई है. उसके शरीर पर चोट के निशान नहीं हैं. पोस्टमार्टम के बाद ही छात्र की मौत की वजह स्पष्ट हो सकेगी. तहरीर मिलने पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा.
बीस दिन पहले भी हुआ था झगड़ा
अंशका बीस दिन पूर्व भी झगड़ा हुआ था. दोनों पक्षों की तरफ से पुलिस को सूचना दी गई थी. सुलह कराते हुए भविष्य में विवाद नहीं करने की ताकीद की गई थी. चाचा विजय शंकर तिवारी के मुताबिक जन लोगों से अंश का झगड़ा हुआ था वह बड़े अधिकारी के परिवार से जुड़े हैं. वजह के बारे में कोई जानकारी नहीं दे सके हैं.
अंश को क्या हुआ है...कोई कुछ बताता क्यों नहीं
शंकराचार्य तिवारी का बड़ा बेटा नवनीत बीमार रहता है. दोपहर में ममता बड़े बेटे को अस्पताल जाने की बात कह कर निकली. उसकी देखरेख के लिए एक रिश्तेदार को घर पर ही छोड़ दिया था. शाम करीब 7.30 बजे नवनीत को उसके चाचा राम मनोहर लोहिया अस्पताल लेकर पहुंचे. माता-पिता को रोते देख नवनीत को अनहोनी का अंदेशा हो गया. छोटा भाई अंश कहीं नजर नहीं आ रहा था. नवनीत उसे तलाशता रहा. मामा प्रदीप शुक्ला और चाचा विजय शंकर तिवारी से पूछने पर भी उसे कोई जवाब नहीं मिला. जिससे निराश होकर नवनीत इमरजेंसी के पास बेंच पर बैठ कर रोने लगा.

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