लखनऊ न्यूज़: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश में आपदा राहत प्रशिक्षण केंद्र स्थापित होगा. बरेली व झांसी में क्षेत्रीय रेस्पांस सेंटर की स्थापना की जाएगी. मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय आपदा मोचक बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचक बल (एसडीआरएफ) के बीच परस्पर समन्वय के साथ प्रदेश में आपदा प्रबंधन के कार्यों को प्रभावी बनाने के लिए जारी प्रयासों की समीक्षा के दौरान जरूरी निर्देश दिए.
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि आपदाकाल में राहत कार्यों के लिए योग्य व कुशल कार्मिकों की उपलब्धता पहली जरूरत है. जितने दक्ष कार्मिक होंगे राहत कार्य उतना प्रभावी होगा. इसके लिए सेंटर स्थापित करना जरूरी है. इसमें एनडीआरएफ से भी सहयोग लिया जाना चाहिए. आकाशीय बिजली से होने वाली ऐसी जनहानि को कम करना बड़ी चुनौती है. उन्हें बताया गया कि वर्ष 2022-23 में 301 व 2023-24 में अब तक 36 जिलों में 174 मौतें हुई हैं. इसे रोकना जरूरी है.
उन्होंने निर्देश दिए कि तीन माह में 75 जिलों में अर्ली वार्निंग सिस्टम लगा दिए जाएं. तकनीक इतनी बेहतर हो चुकी है कि आकाशीय बिजली गिरने के तीन से चार घंटे पहले पता लगाया जा सकता है, एक घंटे पहले सटीक स्थान की जानकारी मिल सकती है. समय से जानकारी मिलने पर जन व धन की हानि नहीं होगी. केंद्र सरकार द्वारा विकसित कराए गए दामिनी एप, मेघदूत जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म का प्रचार-प्रसार किया जाए.
उन्होंने कहा कि सभी जिलों में इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर स्थापित किए गए हैं. इन्हें सेफ सिटी के तहत आईसीसीसी से इंटीग्रेट किया जाए. सभी ग्राम पंचायतों और नगरीय निकायों में पब्लिक एड्रेस सिस्टम को स्थापित कराएं. इन्हें अर्ली वार्निंग सिस्टम से जोड़ा जाए. आपदाकाल में आपदा मित्रों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है. बचे जिलों में इनकी तैनाती की जाए.
बारिश न होने पर होगा सूखे का आकलन
चार सप्ताह से बारिश न होने वाले जिलों में सूखे का आकलन कराया जाएगा. राहत आयुक्त जीएस नवीन कुमार ने इसे लेकर बैठक की. इसमें केंद्रीय जल आयोग, कृषि, सिंचाई, भूगर्भ जल, मौसम विज्ञान केंद्र के अधिकारी शामिल हुए. बैठक में बताया गया कि कृषि बुआई व रोपाई 63.65 फीसदी हो चुका है. धान की नर्सरी 102.01 प्रतिशत हुई है. खरीफ फसल की बुआई पांच अगस्त तक की जाती है. प्रदेश के सिर्फ 10 जिलों कौशांबी, कुशीनगर, देवरिया, मऊ, मिर्जापुर, पीलीभीत, श्रावस्ती, संत कबीरनगर, चंदौली व बस्ती में कम बारिश हुई है.