जर्जर मार्ग व इलाज में कोताही, जच्चा-बच्चा की मौत

Update: 2023-10-02 08:10 GMT
फतेहपुर। राज्य मार्ग का दर्जा प्राप्त गाजीपुर-विजयीपुर मार्ग के जर्जर होने से हुए विलंब व पीएचसी में इलाज न मिल पाने से गर्भवती महिला की हालत गंभीर हो गई और अस्पताल पहुंचते-पहुंचते जच्चा बच्चा दोनों की मौत हो गई। मौतों से परिजनों में कोहराम मचा रहा। इससे पूर्व 21 सितंबर को जच्चा बच्चा की मौत इन्हीं दोनों वजहों से हो चुकी है। इसके बाद न तो सेहत महकमा और न ही प्रशासन व जनप्रतिनिधि की नींद टूटी।
थाना क्षेत्र के अंदमऊ गांव निवासी लल्लन लोधी की पुत्री माया देवी की शादी चक रसूलपुर थाना गाजीपुर के रोहित लोधी के साथ जून 2021 में हुई थी। अभी दो माह पहले गर्भवती माया अपने मायके आई थी। परिजनों ने बताया कि शुक्रवार की रात में प्रसव पीड़ा तेज होने पर एंबुलेंस को सूचना दी गई। एंबुलेंस मौके पर पहुंची और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र असोथर लेकर पहुंचे। स्टाफ नर्स कल्पना ने गर्भवती माया को भर्ती किया।
इसके बाद भोरपहर उसकी डिलीवरी हुई। महिला ने बच्चे को जन्म दिया। उसका यह पहला बच्चा था, लेकिन अस्पताल में आक्सीजन व डाक्टरों के अभाव में कुछ समय बाद बच्चे की मौत हो गयी। प्रसव के दौरान छोटा ऑपरेशन होने की वजह से प्रसूता की ब्लीडिंग न बंद होने पर जिला अस्पताल के लिए रिफर किया। परिजनों ने एंबुलेंस न मिलने पर प्राइवेट वाहन से शहर के लोधीगंज स्थित एक निजी अस्पताल में दिखाया। यहां हालत गंभीर देखकर डॉक्टर ने भर्ती करने से मना कर दिया। वह दूसरे अस्पताल लेकर पहुंचे तो वहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
मृतका के पिता ने बताया कि गाजीपुर असोथर मार्ग जर्जर होने की वजह घर से असोथर अस्पताल लाने में बहुत ज्यादा हालत बिगड़ गयी थी। इसकी वजह से बेटी की मौत हो गई। वहीं मृतका के पति रोहित लोधी ने बताया कि पीएचसी में डॉक्टर होते तो शायद इलाज संभव हो पाता। डॉक्टरों के न मौजूदगी और जर्जर सड़क की वजह से पत्नी की प्रसव बाद मौत हो गई।
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