धर्म संसद: चुनाव आयोग को जमीयत ने लिखा पत्र, अलीगढ़ में आयोजन पर रोक लगाने की मांग की

मुस्लिमों की प्रमुख संस्था जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने गुरुवार को कहा कि उसने चुनाव आयोग और जिला अधिकारी को पत्र लिखकर अलीगढ़ में प्रस्तावित धर्म संसद पर रोक लगाने की मांग की है।

Update: 2022-01-13 18:23 GMT

मुस्लिमों की प्रमुख संस्था जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने गुरुवार को कहा कि उसने चुनाव आयोग और जिला अधिकारी को पत्र लिखकर अलीगढ़ में प्रस्तावित धर्म संसद पर रोक लगाने की मांग की है। जमीयत ने अपने पत्र में कहा कि अलीगढ़ में 22 और 23 जनवरी को या किसी अन्य स्थान पर किसी अन्य तारीख पर प्रस्तावित धर्म संसद के आयोजन पर प्रतिबंध लगे।

संस्था ने ''आदतन हेट स्पीच (समाज में वैमनस्यता फैलाने वाले भाषण देने वालों) देने वालों, गैर कानूनी कार्यवाही में संलिप्त रहने वालों पर कार्रवाई की मांग की और कहा कि शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव कराना चुनाव आयोग की प्राथमिक जिम्मेदारी है।'' जमीयत ने अपने पत्र में लिखा, ''ये लोग स्पष्ट रूप से धर्म संसद का आयोजन चुनाव के दौरान समाज में साम्प्रदायिक तनाव फैलाने के लिए कर रहे हैं और उन्हें रोका जाना चाहिए।''
छात्र नेता ने जिला प्रशासन से की थी आयोजन को अनुमति नहीं देने की मांग
अलीगढ़ में धर्म संसद के आयोजन की अनुमति नहीं देने की मांग करने के लिए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष सलमान इम्तियाज की अगुआई में एक दल ने पिछले सप्ताह जिला प्रशासन से मुलाकात की थी। उनका दावा था कि इससे चुनावी राज्य उत्तर प्रदेश में माहौल गर्मा सकता है।
सनातन हिंदू सेवा संस्था ने अलीगढ़ में धर्म संसद के आयोजन का प्रस्ताव रखा है, जिसका मुख्य विषय वर्तमान राजनीति में साधु की भूमिका है। अलीगढ़ जिला प्रशासन ने हालांकि ऐसे किसी भी कार्यक्रम के आयोजन से संबंधित कोई लिखित आवेदन नहीं मिला है।


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