नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश आयुष विभाग के विभिन्न पाठ्यक्रमों के नामांकन में कथित अनियमितता और घोटाले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर सोमवार को रोक लगा दी।
न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने राज्य सरकार का पक्ष रख रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के. एम. नटराज की दलीलें सुनने के बाद पिछले महीने पारित उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के (सीबीआई जांच करने संबंधी) आदेश पर रोक लगा दी।
उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के पूर्व आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी, आयुष विभाग के तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रशांत त्रिवेदी और अन्य के खिलाफ 2019 में आयुष के विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश में कथित अनियमितता और रिश्वत लेने के आरोपों की जांच करने का निर्देश सीबीआई को दिया गया था।