विदा होंगे या बने रहेंगे DGP डीएस चौहान, सेवानिवृत्त होने में एक हफ्ते का समय

Update: 2023-03-27 10:44 GMT
लखनऊ। बीते ग्यारह माह से डीजीपी का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे डीजी इंटेलिजेंस डॉ. देवेंद्र सिंह चौहान 31 मार्च को रिटायर होने वाले हैं। ऐसे में अब यह सवाल पूछा जाने लगा है कि क्या देवेंद्र सिंह पूर्णकालिक डीजीपी बने बिना ही रिटायर हो जाएंगे? या उन्हें सेवा विस्तार मिलेगा। अब यह सवाल इसलिए भी मौजू हो गया है, क्योंकि पिछले सितम्बर माह में उप्र शासन से डीजीपी के लिए भेजे गए पैनल पर संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा उठाये गए आपत्ति का जवाब नहीं भेजा गया। ऐसे में तो कार्यवाहक डीजीपी की ही तैनाती के आसार दिखने लगे हैं।
सूत्रों के मुताबिक जीएल मीणा और आरपी सिंह डीजी पद से रिटायर हो गए। ऐसे में यूपीएससी के हिसाब से मुकुल गोयल को हटाये जाने के समय को आधार मानकर वरिष्ठता क्रम के तहत अफसरों का पैनल बने तो उसमें मुकुल गोयल, आरके विश्वकर्मा और डीएस चौहान का नाम होगा। अगर केंद्र की ओर से हरी झंडी मिल गई तो डीएस चौहान को पूर्णकालिक डीजीपी बनने का मौका मिल सकता है। अब तक प्रदेश सरकार की ओर से कोई पैनल भेजे जाने की पुष्टि नहीं हो रही है ऐसे में वरिष्ठता के आधार पर आरके विश्वकर्मा ही दो माह के लिए कार्यवाहक डीजीपी बन सकते हैं।
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी के रहने वाले देवेंद्र सिंह चौहान 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं । उन्हें काफी तेजतर्रार और सा सुथर सुथरी छवि वाला अधिकारी माना जाता है। वे 15 फरवरी 2020 से डीजी इंटेलिजेंस के पद पर तैनात हैं और उनका रिटायरमेंट मार्च में होना है। इसके अलावा उनके पास डीजी विजलेंस का भी चार्ज है। बता दें कि देवेंद्र सिंह चौहान 2020 से पहले सीआरपीएफ में आईजी के पद पर तैनात थे। वे सीएम योगी आदित्यनाथ के भरोसेमंद अधिकारी माने जाते हैं।
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