आंचल केस की लचर तफ्तीश पर डीजीपी नाराज

Update: 2023-07-10 07:17 GMT

कानपूर न्यूज़: कानपुर के चर्चित आंचल खरबंदा खुदकुशी मामले की लचर तफ्तीश पर उप्र के पुलिस महानिदेशक विजय कुमार सख्त नाराज हैं. उन्होंने सर्कुलर जारी कर इस केस को निकृष्टतम विवेचनाओं की नजीर के रूप में जिलों को भेजा है. इस केस में जमानत पर सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने कठोर टिप्पणी की थी. उसके बाद डीजीपी ने विवेचना के स्तर पर सवाल उठाते हुए प्रदेश भर की पुलिस कमिश्नरेट, जोन और रेंज के अधिकारियों को चेतावनी दी है.

विवेचना में खामियां ही खामियां सर्कुलर में उच्च न्यायालय की उस टिप्पणी को भी संदर्भित किया गया है. जिसमें कोर्ट ने आंचल खरबंदा केस की विवेचना को ‘फॉल्टी इन्वेस्टिगेशन’ बताते हुए डीजीपी से खुद इस मामले में संज्ञान लेने को कहा है. मुख्य तौर पर कोर्ट ने विवेचना में जो खामियां पाईं, उनमें महत्वपूर्ण गवाहों के बयान दर्ज न करना, महत्वपूर्ण अभिलेखीय और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों का विश्लेषण न करना, टेलीफोन वार्ता की ट्रांसक्रिप्ट केस डायरी में न लगाना, धारा 65 के तहत आवश्यक प्रमाण पत्र न हासिल करना आदि हैं. कोर्ट ने विवेचना के खास अंशों के पैराग्राफ उद्धृत करते हुए चार हफ्ते में इनके बारे में जवाब देने को कहा है. इस आदेश के बाद डीजीपी ने विवेचनाओं की गुणवत्ता सुधारने के निर्देश जारी किए हैं.

मिस कंडक्ट देकर न छोड़ें डीजीपी ने सर्कुलर में कहा है कि उच्च न्यायालय की विपरीत टिप्पणी से साफ है कि विवेचक द्वारा गुणवत्तापूर्ण और तथ्यपरक विवेचना नहीं की गई. पर्यवेक्षण अधिकारियों द्वारा विवेचनाओं का निकट पर्यावेक्षण नहीं किया जा रहा है.

उन्होंने चेतावनी दी है कि लचर विवेचना में केवल मिस कंडक्ट देकर न छोड़ें. सख्त कार्रवाई करें. उन्होेंने गुणवत्ता सुधारने के लिए समय समय पर विधि, साइबर क्राइम, कम्प्यूटर और एफएसएल विशेषज्ञों की वर्कशॉप कराने को कहा है.

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