झाँसी न्यूज़: नहित के कार्यों में लगातार अड़ंगेबाजी से आजिज आ चुके भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी के खिलाफ मोर्चाबंदी अंतत कारगर साबित हुई. भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष सुरेश कुमार टोंटे के वन मंत्री व प्रदेश स्तरीय पदाधिकारियों को भेजे शिकायती पत्रों के पश्चात प्रभागीय निदेशक को लखनऊ मुख्यालय अटैच कर लिया गया.
वन मंत्री को भेजे गए पत्र में भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष ने बताया कि प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी दीक्षा भण्डारी ने जब से जनपद में चार्ज संभाला तब से किसानों की आफत आ गयी थी.
घरेलू कार्य के लिए सूखी लकड़ी, झाड़, मिट्टी आदि आदि ले जाते ग्रामीणों के खिलाफ गैरव्यवहारिक कार्रवाई की जाने लगी थी. गरीब किसानों से अत्यधिक धनराशि का जुर्माना वसूला जा रहा है.
वहीं विकास कार्यों पर गौर नहीं किया जा रहा था. इसके अलावा वन क्षेत्र और उसके आस पास के मार्ग चलने लायक नहीं बचे. जिनको दुरुस्त कराने में प्रभागीय निदेशक कोई रुचि नहीं ले रही थी. जिस कारण आवागमन में ग्रामीणों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. किसानों के साथ अभद्रता की जा रही थी. जिसकी वजह से ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त था. स्थितियों को गंभीरता से लेते हुए शासन ने उनको लखनऊ मुख्यालय अटैच कर लिया. इस फैसले के बाद से इलाके के किसानों में सुकून दिख रहा है.
पांडव वन में काम पर लगायी थी रोक
वन क्षेत्र व उसके आस पास के इलाकों में किसी तरह का कार्य कराने से पहले विभिन्न प्रक्रियाओं के पालन को लेकर प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी दीक्षा भण्डारी बेहद संजीदा रहती थी. जनसुविधाओं से जुड़े कार्यों पर कई बार उन्होंने रोक लगायी. इसकी वजह से उनको जनप्रतिनिधियों के साथ अफसरों के भी निशाने पर आना पड़ा. पांडव वन में जनता के लिए जरूरी कुछ कार्यों पर उन्होंने रोक लगा थी. इस कार्य को लेकर राज्यमंत्री मनोहरलाल पंथ का आग्रह उन्होंने अस्वीकार कर दिया था.