खाद्य पोषण के लिए विज्ञान एवं तकनीक का विकास आवश्यक : डॉ. विलियम डर

Update: 2022-11-11 13:09 GMT
ग्रेटर नोएडा। शारदा विश्वविद्यालय में विश्व प्रसिद्ध फिलीपींस के पूर्व कृषि मंत्री डॉ. विलियम डर ने व्याख्यान दिया। व्याख्यान का विषय विश्व के खाद्य पोषण के लिए विज्ञान एवं तकनीक का विकास था, जिससे जुड़ी काफी दिलचस्प एवं महत्वपूर्ण जानकारी छात्रों को प्राप्त हुई। इस मौके पर शारदा विश्वविद्यालय के चांसलर पी.के. गुप्ता, शारदा विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर सिबाराम खारा ने डॉ. विलियम डर का स्वगात कर उनका सम्मान किया।
डॉ. विलियम डर ने विषय से जुड़ी जानकारी देते हुए कि भारत की संपूर्ण जन संख्या में से 16.4 प्रतिशत जन संख्या गरीब है। इसके अलावा वैश्विक जनसंख्या के अनुसार 828 मिलियन लोग भूख से प्रभावित है। डॉ. डर ने यह भी बताया कि 15 नवंबर 2022 को वैश्विक जनसंख्या 8 अरब तक पहुंचने के अनुमान है। बढ़ती जन संख्या के अनुरूप आने वाले समय में खाद्य भी एक चुनौती के रूप में बनता जाऐगा।
कृषि के क्षेत्र की चुनौतियों के बारे में बताते हुए डॉ. विलियम ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण इस क्षेत्र में काफी बदलाव आ रहे है जिससे उत्पादन प्रभावित हो रहा है, लेकिन अगर कृषि के क्षेत्र में बढ़े बदलाव देखने है तो डिजिटिकरण को अपनाना होगा और अपने कौशल में वृद्धि लानी होगी। आज के समय में जरूरी है की जनसंख्या के अनुसार उत्पादन को भी बढ़ाया जाए।
कृषि 4.0 से ही खाद्य सुरक्षा प्राप्त की जा सकती है। इसके अलावा समस्या का समाधान देते हुए डॉ. विलियम डर ने कहा कि हमें कोशिश करनी चाहिए की अपशिष्ट अति उत्पादान, अधिक खपत, अनियंत्रित बाजार जैसी दिक्कतों को कृषि के क्षेत्र से दूर रखना चाहिए।
बाजार उन्मुखीकरण से अधिक हमें सामाजिक नवाचार की आवश्यकता है। सभी देशों के लिए उसका भोजन ही उसकी संस्कृति है जिससे चाहे कर भी अलग नहीं किया जा सकता है। खाद्य सुरक्षा प्राप्त करने के लिए जरूरी है की भूमि अवक्रमण पर पहले ध्यान देना होगा।

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