डिप्टी केशव प्रसाद मौर्य ने आजीविका मिशन की बचत सखी कार्यक्रम में हुए शामिल

Update: 2023-03-06 12:19 GMT

लखनऊ: उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य अपने एक दिवसीय वाराणसी दौरे के दौरान शनिवार को सर्किट हाउस सभागार में अधिकारियों के साथ विभागीय कार्यक्रमों के प्रगति की समीक्षा बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अन्तर्गत बचत सखी कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने समूह की दीदीयों द्वारा तैयार किये गये हर्बल गुलाब, बुके इत्यादि को देखकर समूह की महिलाओं द्वारा किये जा रहे कार्यों की प्रशंसा भी की। उन्होंने विकास खंड चोलापुर में रूर्बन मिशन के अंतर्गत बने पाली हाउस जिसमें आर्गेनिक सब्जियों की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा। पॉलीहाउस के अंतर्गत बनी 10 दुकानों का आवंटन प्रमाण पत्र भी उन्होंने समूह की महिलाओं को दिया।

बैठक में उप मुख्यमंत्री ने बीसी सखी के अंतर्गत लोगों का भी लोकार्पण किया गया। उप मुख्यमंत्री द्वारा समूह की महिलाओं द्वारा बन रहे श्रीप्रसादम की भी प्रशंसा की गयी। जिले में बन रहे आदर्श अमृत सरोवर की जानकारी लिये जाने के दौरान मुख्य विकास अधिकारी द्वारा बताया गया कि जिले में 20 सरोवर को आदर्श रूप दिया जा रहा।

जिसको जी-20 की बैठक के दौरान आने वाले अतिथियों को भी दिखाया जायेगा। समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने विभाग के अधिकारियों से गावों में ग्राम चौपाल लगाकर लोगों की शिकायतों के त्वरित निस्तारण का आदेश भी संबंधित विभागों को दिया।

बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल, जिला पूर्ति अधिकारी, डीसी नरेगा, विभिन्न ब्लॉक के बीडीओ, ग्रामीण विकास से संबंधित अधिकारी गण उपस्थित रहे। उन्होंने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में विधि विधान से दर्शन पूजन एवं अभिषेक किया।

श्रीराम कथा के पूर्णाहुति समारोह का किया शुभारम्भ

तरना, शिवपुर, वाराणसी स्थित द पाठशाला में आयोजित श्रीराम कथा के पूर्णाहुति समारोह के अवसर पर केशव प्रसाद मौर्य ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उपमुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन में कहा हम जब नई शिक्षा नीति पर चल कर भारतीयता का बोध रखते हुए बच्चों को शिक्षित करने का कार्य करेंगे, तभी स्वावलंबी भारत का निर्माण होगा। द पाठशाला जैसे संस्थाओं का प्रयत्न स्तुत्य है।

आज के दौर में ऐसे गैर व्यावसायिक, समाज सेवा के लिए समर्पित शैक्षिक संस्थाओं की स्थापना के लिए समाज के सक्षम बन्धुओं का आह्वान किया। कहा कि हम सब ने बाल कथाकार पुस्तक का विमोचन करके परम आनन्द का अनुभव किया। चरित्र निर्माण करने वाली प्राचीन कथाओं, जिनको सुनकर हम सब बड़े हुए, को बच्चों को सुनाना तथा पुनः उन कथाओं को उन बच्चों द्वारा सुनना व उन्हें अपने शब्दों में पिरो कर प्रस्तुत करना एक बड़ी उपलब्धि है।

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