तेजस्वी यादव की जमानत निरस्त करने की मांग को लेकर सीबीआई द्वारा दिल्ली की एक विशेष अदालत में अर्जी दाखिल करने के बाद बिहार भाजपा प्रमुख संजय जायसवाल ने भी उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बिहार भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल ने रविवार को आरोप लगाते हुए कहा कि राजद नेता ने केंद्रीय जांच एजेंसी और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय और उनके अधिकारियों को धमकी दी थी।
संजय जायसवाल ने पिछले महीने तेजस्वी यादव द्वारा दिए गए एक बयान का जिक्र करते हुए कहा बिहार में हर कोई जानता है कि 'अकड़ ठंडा कर देंगे' का क्या मतलब है। संजय जायसवाल ने इस दौरान उन आरोपों को भी खारिज किया जिसमें कहा जा रहा था कि सीबीआई से कानूनी तकरार में भाजपा की बड़ी भूमिका थी। उन्होंने कहा कि सीबीआई को तेजस्वी यादव के खिलाफ ज्यादातर जानकारी राज्य में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार द्वारा प्रदान की गई थी। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि दोनों के बीच किस तरह का गठबंधन हुआ है।
दरअसल, बहुचर्चित आईआरसीटी घोटाले में सीबीआई ने इससे जुड़े अफसरों को धमकाने के मामले में तेजस्वी यादव की जमानत निरस्त करने की मांग करते हुए दिल्ली की एक विशेष अदालत में अर्जी दायर की थी। शनिवार को सीबीआई द्वारा दायर याचिका के बाद विशेष कोर्ट की जज गीतांजलि गोयल ने सीबीआई की अर्जी पर तेजस्वी यादव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सीबीआई ने अपनी याचिका में कहा है कि तेजस्वी यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीबीआई अफसरों को धमकाया, इसलिए उनकी जमानत निरस्त की जाए।
सीबीआई ने कहा कि तेजस्वी ने अपने बयान में कहा था कि क्या सीबीआई वालों के मां-बेटे नहीं हैं, उनके परिवार नहीं हैं? क्या वे हमेश सीबीआई अधिकारी रहेंगे? क्या वे सेवानिवृत्त नहीं होंगे? क्या सत्ता में हमेशा एक ही सरकार रहेगी?
बता दें, आईआरसीटीसी घोटाला लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान का है। सीबीआई मामले की जांच कर रही है। घोटाले के मामले लालू यादव के परिवार के कई सदस्य आरोपी हैं। उनमें तेजस्वी यादव भी शामिल हैं।