फैजाबाद न्यूज़: इस बार पौधारोपण महाभियान के तिथि की घोषणा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे. प्रदेश में 35 करोड़ तो अयोध्या में 41 लाख पौधों का रोपण किया जाएगा. नौ जुलाई को मुख्यमंत्री ने लखनऊ में बैठक बुलाई है.
प्रदेश के सभी प्रमुख अधिकारी इस बैठक में शामिल होंगे. बताया जा रहा है कि इसी बैठक में पौधारोपण महाभियान की तिथि की घोषणा की जाएगी. संभावना यह भी जताई जा रही है कि इस बार दो तिथियों में महाभियान चलेगा. पहला मुख्यमंत्री की घोषित तिथि पर दूसरा शेष बचे पौधों के रोपण के लिए 15 अगस्त की तिथि निर्धारित की जाएगी. फिलहाल अधिकारी भी इसी को मानकर तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं.
वहीं अयोध्या में निर्धारित तिथि पर डिप्टी सीएम के हाथों अभियान की शुरुआत कराने की तैयारी है. हालांकि कौन आएंगे यह अभी तय नहीं हो सका है. घोषित तिथि पर डिप्टी सीएम जिले के राम वनगमन मार्ग पर नवग्रह वाटिका की स्थापना कर सकते हैं. यह उस तिथि का मुख्य आयोजन होगा, जहां जिले के सभी अधिकारी, सरकार के मंत्री व भाजपा के पदाधिकारी मौजूद रहेंगे. यहां पौधरोपण होगा.
इन सभी के हाथों पौधारोपण कराने की योजना बनाई जा रही है. राम वन गमन मार्ग पर गौरा गयासपुर में नवग्रह वाटिका में सभी नौ दिशाओं में पलाश, खैर, अपामार्ग, पीपल, गूलर, शमी, दूर्वा, कुश और मदार का पौधा रोपित किया जाएगा. यह नौ पौधे नौ ग्रहों से भी संबंध रखते हैं. पलाश-चंद्र, खैर-मंगल, अपामार्ग-बुध, पीपल-गुरु, गूलर-शुक्र, शमी-शनि, कुश-केतु, मदार-सूर्य और दुर्वा- राहु ग्रह से जुड़ा है. हर पौधा संबंधित ग्रह के लिए शुभ माना गया है और संबंधित ग्रहों की बुरी दशा में इनकी लकड़ियों से हवन करने पर ग्रहों की बुरी दशा भी शांत की जाती है. इन पौधों का उपयोग धार्मिक अनुष्ठान में भी किया जाता है. यह वाटिका पौधों के धार्मिक महत्व को भी बताएगी. यहीं नहीं, सभी पौधे औषधीय प्रजाति के हैं जो कहीं न कहीं मनुष्य की बीमारियों के उपचार से भी जुड़े हैं. प्रभागीय वनाधिकारी सितांशु पांडेय ने बताया कि बीकापुर वन रेंज के गौरागयास पुर में नवग्रह वाटिका स्थापित की जाएगी. यहीं पौधारोपण महाभियान का मुख्य आयोजन होगा.
पौधारोपण महाभियान के अगले दिन ही जियो टैगिंग का अभियान चलाया जाएगा. जिन जगहों पर पौधारोपण हुआ है, सभी को जियो टैग किया जाएगा. इसके लिए वन विभाग ने बीती 21 व 22 जून को सभी संबंधित विभागों के कर्मियों के लिए कार्यशाला आयोजित कर प्रशिक्षण प्रदान कर चुका है. प्रभागीय वनाधिकारी ने बताया कि जो विभाग प्रशिक्षण से छूट गये हैं, उन्हें जल्द ही जियो टैग करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा.