20 साल से विभाग मौन, गलियों में फैला बिजली के तारों का जंजाल

Update: 2022-11-19 09:59 GMT

मेरठ न्यूज़: बिजली विभाग उपभोक्ताओं से बिजली कनेक्शन से लेकर प्रयोग की जा रही बिजली का पूरा चार्ज वसूलता है। इसके बदले निर्बाध व सुचारू बिजली सप्लाई देने के दावे भी विभाग द्वारा किए जाते हैं, लेकिन विभाग ने एक ऐसे इलाके की ओर से 20 साल से ज्यादा समय से आंखें मूंद रखी है, जहां घनी आबादी है। यहां बिजली के तारों के जंजाल गली-गली में देखे जा सकते हैं। यहां तक कि लोगों के घरों को छूती बिजली की लाइन हर समय हादसे को न्योता दे रही है, लेकिन विभाग को इससे कोई मतलब नहीं है। गढ़ रोड स्थित जयभीमनगर की आबादी दो लाख से ज्यादा है। यहां पर बिजली कनेक्शनों की संख्या भी 10 हजार के करीब है, लेकिन यहां रहने वाली जनता हर समय खौफ के साए में रहने को मजबूर है। यहां की ज्यादातर गलियों में बिजली की लाइने नहीं बिछी हैं। नाममात्र के लिए विद्युत पोल लगे हैं, ज्यादातर उपभोक्ताओं ने घरों के कनेक्शन की लाइनों को डंडों पर बांध रखा है।

बिल देने के बाद भी लाइनों को लेकर सुधार नहीं: जयभीम नगर में रहने वाले लोगों ने पहचान छिपाने की शर्त पर बताया कि बिजली के तारों की बदहाली पिछले 20 सालों से ज्यादा समय से हैं। कनेक्शनों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन तारों के लिए बिजली के पोल न के बराबर है। जिन लोगों ने अभी हाल में कनेक्शन लिए है उन्हें भी पुरानी व्यवस्था द्वारा ही बिजली मिली है। बांस पर बंधे तार हर समय हादसों को न्योता देते रहते हैं। बरसात के मौसम में तो हालात और भी खतरनाक हो जाते हैं, घरों में बिजली का करंट आने लगता है जिससे स्थानीय जनता में दहशत बनी रहती हैं।

लाइनमैन करते हैं पैसों की मांग: यहां रहने वाली आम जनता का कहना है आए दिन इन अस्थाई लाइनों में फाल्ट होते रहते हैं। जिसे ठीक करानें के लिए मेडिकल विद्युत उपकेन्द्र पर शिकायत की जाती है। शिकायत के बाद मौके पर लाइन ठीक करने पहुंचने वाले लाइनमैन पैसे की मांग करते हैं। पैसे नहीं देने पर फाल्ट ठीक नहीं किया जाता है। जिसके बाद निजी बिजली ठीक करने वाले को बुलाया जाता है। उसे भी पैसे देकर ही फाल्ट ठीक कराया जाता हैं। विभाग की उदासीनता की वजह से हालात बदतर बने हुए हैं।

मामले को लेकर क्षेत्रीय स्तर पर जानकारी की जाएगी। इसके बाद यदि कोई अप्रूवल बनता है तो उसे कराया जाएगा।

-अनुराग अग्रवाल, मुख्य अभियंता विद्युत विभाग।

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