मुरादाबाद। जिले में डेंगू-मलेरिया के मरीजों के मिलने का क्रम तेजी से चल रहा है। उपाय कागजी साबित हो रहे हैं। न जागरूकता के ठोस उपाय दिख रहे और न इलाज के पर्याप्त प्रबंध। स्थिति यह है कि एक महीने में जिले में डेंगू के 62 मरीज हो गए, जबकि मलेरिया से 22 ग्रसित हैं। न एंटीलार्वा का छिड़काव कहीं दिख रहा है और न शहर के वार्डों में फागिंग कराई जा रही है।
इस बार डेंगू का कहर काफी देर से शुरू हुआ। एक अक्टूबर को जिले में डेंगू के पहले मरीज अपर जिलाधिकारी के बेटे हुए। एलाइजा जांच में डेंगू की पुष्टि होने के बाद चिकित्साधिकारी चिंता में पड़ गए। इसके बाद यह क्रम बढ़ता रहा। शनिवार तक यह संख्या 62 तक पहुंच गई। हालांकि इसमें से कई की स्थिति सामान्य है तो कई में प्लेटलेट्स काफी कम होने से वह अस्पतालों में भर्ती होकर इलाज करा रहे हैं। जिला अस्पताल के डेंगू वार्ड में भी मरीज भरे हैं। इस वार्ड में भर्ती मरीजों को मच्छरदानी में रखा गया है। इस वार्ड में 12 मरीज इलाज करा रहे हैं।
वहीं निजी अस्पतालों में भी डेंगू और मलेरिया के मरीज इलाज ले रहे हैं। मच्छरों पर प्रभावी अंकुश लगा पाने में नगर निगम और निकायों के प्रशासन सफल नहीं हैं। कागजों में स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार दावे कर रहे हैं लेकिन, असल में न तो वह खुद गंभीर हैं और न अन्य विभागों से बेहतर समन्वय बनाकर प्रभावी कदम उठा रहे हैं। शहरी क्षेत्रों में फागिंग का कार्य नगर निगम और ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायतों का है। जबकि एंटीलार्वा का छिड़काव मलेरिया विभाग के जिम्मे है।
इस समय जिले में 62 डेंगू के मरीज और 22 मलेरिया बुखार से पीड़ित हैं। इसमें से 12 गंभीर हैं। जिनके प्लेटलेट्स का स्तर काफी कम है। जिला मलेरिया अधिकारी पीएन यादव का कहना है कि डेंगू के 62 और मलेरिया के 22 मरीज अब तक चिह्नित हुए हैं। बिना एलाइजा जांच रिपोर्ट के डेंगू बताने वाले पैथोलॉजी लैब संचालकों को जिला सर्विलांस अधिकारी ने चेतावनी दी है। जिला अस्पताल में अलग डेंगू वार्ड में गंभीर मरीजों का इलाज चल रहा है। स्वास्थ्य केंद्रों पर भी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को इलाज में शिथिलता न बरतने का निर्देश दिया है।
यहां स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम का ध्यान नहीं
मलेरिया विभाग के द्वारा शहर में कई मोहल्लों को अति जोखिम क्षेत्र (हाई रिस्क एरिया) चिह्नित किया गया है। लेकिन, यहां भी न तो फागिंग कराई जा रही है और न मच्छरों पर रोकथाम के लिए एंटीलार्वा का छिड़काव ही हो रहा है। जागरूकता के लिए भी टीमें यहां नहीं पहुंची।
यह हैं शहर के हाई रिस्क क्षेत्र
करूला, 23वीं वाहिनी पीएसी, कटघर, असालतपुरा, आशियाना फेज एक, किसरौल, लाल मस्जिद, लालबाग, लाइनपार, मकबरा, बंगला गांव, मुगलपुरा, बारादारी, बरवलान, नागफनी, नवीन नगर, नवाबपुरा, बुद्धि विहार, पुलिस लाइंस, चक्कर की मिलक, चंद्र नगर, पंडित नगला, पीरजादा, सिविल लाइंस, पीटीसी, रामगंगा विहार, सूरज नगर, दौलत बाग, तहसील स्कूल, दीवान का बाजार, गंगा मंदिर, डबल फाटक, गोविंद नगर, गलशहीद, हरथला, जामा मस्जिद, जयंतीपुर, कच्चा बाग, कचहरी।