इलाहाबाद न्यूज़: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के क्षेत्र में डीप लर्निंग एक महत्वपूर्ण अंग है. यह विभिन्न उद्योगों और अनुप्रयोगों में क्रांति लाने की क्षमता के साथ एक शक्तिशाली तकनीक के रूप में उभरा है. जैसे-जैसे कम्प्यूटेशनल क्षमताएं आगे बढ़ रही हैं डीप लर्निंग तकनीक अधिक परिष्कृत हो गई हैं जो जटिल डेटा विश्लेषण, पैटर्न पहचान और निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में नई संभावनाएं और अंतर्दृष्टि प्रदान करती हैं. उक्त बातें ट्रिपलआइटी में कंप्यूटर विजन और बायोमेट्रिक्स लैब (सीवीबीएल) द्वारा आयोजित डीप लर्निंग और अनुप्रयोगों में कम्प्यूटेशनल एडवांस विषय पर आधारित अल्पकालिक पाठ्यक्रम का उद्घाटन के दौरान निदेशक प्रो. मुकुल शरद सुतावने ने कही.
विशिष्ट अतिथि सरदार पटेल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी मुंबई के प्राचार्य डॉ. भालचंद्र चौधरी ने कहा कि इंजीनियर और प्रौद्योगिकीविद किसी भी देश के आर्थिक विकास की रीढ़ होते हैं. रजिस्ट्रार डॉ. सतीश कुमार सिंह ने कहा कि यह कार्यक्रम आईईईई कम्प्यूटेशनल इंटेलिजेंस सोसाइटी का एक ग्रीष्मकालीन स्कूल है जिसमे देश के 17 राज्यों से 72 प्रतिभागी शामिल हो रहे हैं. इसका उद्देश्य प्रतिभागियों को कम्प्यूटेशनल इंटेलिजेंस, गहरी वास्तुकला और अनुप्रयोगों में प्रगति के क्षेत्रों में कुछ अग्रणी विशेषज्ञों द्वारा डेटा के विभिन्न तौर-तरीकों का उपयोग करने का व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना है. प्रो. मनीष गोस्वामी, प्रो. पवन चक्रवर्ती, डॉ. अखिलेश तिवारी, डॉ. नवज्योत आदि मौजूद रहे.