दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय को शुल्क में गड़बड़ी का शक, जांच के दिए आदेश
पिछले तीन वर्षों में विभिन्न मद में जमा किए धन का विस्तृत ब्योरा मांगा गया
गोरखपुर: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (डीडीयू) में छात्रों द्वारा विभिन्न मद में जमा हुए शुल्क में वित्तीय अनियमितता के संकेत मिल रहे हैं. आशंका जताई जा रही है कि छात्रों के सापेक्ष जितना धन जमा हुआ, उतना प्राप्त नहीं हुआ है. इसे देखते हुए इसकी जांच के आदेश दे दिए गए हैं. सम्बद्ध सभी कॉलेजों से तक पिछले तीन वर्षों में विभिन्न मद में जमा किए धन का विस्तृत ब्योरा मांगा गया है.
डीडीयू प्रशासन ने इस सम्बंध में सभी सम्बद्ध कॉलेजों के प्रबंधकों/प्राचार्यों को पत्र लिखकर सत्र 2021-22, सत्र 2022-23, सत्र 2023-24 में प्रवेशित विद्यार्थियों के सापेक्ष विश्वविद्यालय कोष में जमा की गई धनराशि का विवरण उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. कुलसचिव प्रो. शांतनु रस्तोगी द्वारा 6 को यह पत्र जारी किया गया है. पत्र में बाकायदा प्रारूप बनाया गया है. पत्र के मुताबिक प्रारूप के अनुरूप ही अलग-अलग सत्रों में विभिन्न मद में जमा किए गए शुल्क का विवरण कॉलेजों द्वारा उपलब्ध कराया जाना है.
मांगा गया ये विवरण किस सत्र में कक्षा यूजी, पीजी, वार्षिक सेमेस्टर, सीबीसीएस में कितने विद्यार्थी थे? कितने छात्र संस्थागत और व्यक्तिगत थे? जमा की गई धनराशि, चालान संख्या (साक्ष्य सहित), ट्रांजेक्शन का माध्यम (साक्ष्य सहित) जमा करना है.
पहली बार मांगी गई इस तरह की रिपोर्ट सूत्रों के मुताबिक डीडीयू प्रशासन द्वारा पहली बार इस तरह की रिपोर्ट सभी कॉलेजों से मांगी गई है. इसके बाद से ही चर्चाओं का बाजार गरमाया हुआ है. चर्चा है कि इस मामले में अनियमितता मिली तो तत्कालीन जिम्मेदार जांच की जद में आ सकते हैं.
रिपोर्ट मिलने के बाद होगा मिलान कॉलेजों से मिली रिपोर्ट के आधार पर एक-एक डाटा का छात्रों की संख्या और जमा करने की टाइमिंग के हिसाब से मिलान कराया जाएगा. चर्चा है कि जांच में बडे़ ‘खेल’ के रहस्य से पर्दा उठ सकता है.