अयोध्या। बैराजों से पानी छोड़ने की कवायद के तीन दिनों तक उफनाई सरयू नदी का जलस्तर तेजी से घट रहा है। रविवार को सुबह आठ से दस बजे तक सरयू का जलस्तर घट कर 92.640 पहुंच गया है। हालांकि जलस्तर घटने के बाद बाढ़ से प्रभावित गांवों में कटान काफी तेज हो गई है। जिसके चलते ग्रामीणों में छाए खौफ के बादल अभी तक बरकरार हैं। जिला प्रशासन का कहना है कि कटान से प्रभावित गांवों की निगरानी की जा रही है। जिनके मकान दायरे में आ रहे हैं उन्हें सुरक्षित कर लिया गया है।
बता दें कि नौ अगस्त को गिरिजा, शारदा आदि बैराजों से करीब साढ़े चार लाख क्यूसेक पानी छोड़ दिया गया था। जिसके चलते सरयू नदी का जलस्तर उफना कर खतरे के निशान से 30 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया था और जिले की रुदौली, सोहावल और सदर तहसील के पच्चीस से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी दाखिल हो गया था।
इसे लेकर जिला प्रशासन ने तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया था। सभी तहसीलों को एलर्ट करते हुए टीमें लगा दी गई थी। वहीं शनिवार से सरयू नदी के जलस्तर में कमी आनी शुरू हुई जो रविवार को भी बरकरार रही। रविवार को हर एक घंटे पर घट रहे सरयू के जलस्तर को लेकर जहां प्रशासन अपने हाथ समेटने की मुद्रा में आ गया है वहीं प्रभावित इलाकों में संकट तेजी के साथ बढ़ रहा है। शनिवार को रुदौली के प्रभावित दस गांवों में उल्टी दस्त और बुखार के मरीज सामने आए थे तो वहीं रविवार को पूराबाजार ब्लाक के प्रभावित गांवों में संक्रामक रोगों ने दस्तक दे दी है।
बताया जाता है कि लोग तेजी से विभिन्न प्रकोप का शिकार हो रहे हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि सभी टीमें प्रभावित इलाकों में निरोधात्मक कार्रवाई में लगी हुई हैं। रविवार दोपहर तक रुदौली और सोहावल तहसीलों के प्रभावित गांवों में एसडीएम और तहसीलदार दौरे तक ही सीमित रहे। रुदौली में दस से बढ़कर 13 नावें लगाई गई थी जिनमें घटते जलस्तर के कारण पांच नाव हटा ली गई है।