उत्तरप्रदेश: जिले में टाइगर रिजर्व का होना वैसे तो सब के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. लेकिन जंगल के किनारे बसे गांवों में रहने वाले ग्रामीणों के लिए वन्यजीवों की चहलक़दमी आफत का सबब बनी हुई है. पीलीभीत एक अमरिया व माधोटांडा इलाके में तेंदुए व बाघ की चहलकदमी देखी जा रही है. अब इसको देखते हुए विभाग ने भी दोनों ही इलाकों में निगरानी बढ़ा दी है.
एक ओर पीलीभीत टाइगर रिजर्व में लगातार बढ़ रही वन्यजीवों की संख्या के चलते देश दुनिया में पीलीभीत को नई पहचान मिल रही है. वहीं कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिताबों से भी नवाजा जा रहा है. लेकिन वहीं दूसरी ओर यह बढ़ती संख्या व घटता जंगल और संसाधनों की कमी टाइगर रिजर्व से सटे गांवों के लिए डर का पर्याय बनती जा रही है. बीते कई समय से अमरिया के सूरजपुर व माधोटांडा तहसील के रानीगंज व आसपास के इलाकों में बाघ व तेंदुए की सक्रियता देखी जा रही है. बीते दिनों जहां माधोटांडा इलाके में बाघ दो लोगों को अपना निवाला बना चुका है.
वन विभाग नहीं उठा रहा ठोस कदम
वहीं हाल ही में अमरिया के सूरजपुर गांव में एक तेंदुए ने घर में घुस कर पालतू पशुओं का शिकार किया है. जिस दौरान तेंदुआ पालतू पशु की फिराक में घर में घुसा उस दौरान वहां 11 लोगों का परिवार सो रहा था. जिसमे बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक शामिल थे. लगातार घटित हो रही घटनाओं के बाद ग्रामीण शाम होते ही घरों में कैद होने मजबूर हो गए हैं. वहीं किसानों को खेत में काम करने के दौरान भी डर सताता रहता है. पूरे मामले में वन विभाग जागरूकता व निगरानी की बात तो कह रहा है लेकिन इन घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए अब तक कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया गया है.
250 से मुर्गों को बनाया तेंदुए ने शिकार
टाइगर रिजर्व से सटे इलाकों में मानव वन्यजीव संघर्ष के साथ ही साथ ग्रामीणों को पालतू पशुओं से भी हाथ धोने पड़ रहे हैं. बाराही रेंज से सटे गांव मझारा के किसान बलदेव सिंह के मुताबिक बीती रात गांव में ही स्थित उनके पोल्ट्री फार्म में एक तेंदुआ घुस आया. जिसने वहां जमकर उत्पात मचाया और तकरीबन 250 से भी अधिक मुर्गों को मार डाला. इसके बाद उन्होंने पूरे मामले की सूचना विभाग को दी.