लखनऊ न्यूज़: गोमती के किनारे लक्ष्मण टीला स्थित लॉर्ड शेष नागेश टीलेश्वर महादेव प्रकरण की सिविल निगरानी याचिका में सुनवाई कर रहे अपर जिला जज ने पक्षकारों को सुनने के बाद 8 फरवरी के लिए अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है. सिविल निगरानी याचिका में पक्षकारों ने क्रमवार कई चरणों मे अपनी बहस पूरी की. इसके पहले हिन्दू महासभा की ओर से राष्ट्रीय प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी की ओर से पूर्व में प्रस्तुत प्रार्थना पत्र पर वकील शेखर निगम ने कहा कि सुन्नी सेंट्रल बोर्ड ने अधिकृत निगरानीकर्ता को उनके पद से हटा दिया है. इसलिए निगरानी पोषणीय नहीं है.
लिहाजा सिविल अदालत के आदेश की पुष्टि करते हुए पत्रावली को सुनवाई के लिए निचली अदालत को भेजा जाए. जबकि प्रार्थना पत्र के विरोध में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से वकील मुनव्वर सुल्तान ने कहा कि निचली अदालत का आदेश त्रुटि पूर्ण है. लिहाजा निगरानी मंजूर कर निचली अदालत के आदेश को रद्द किया जाए. वहीं राज्य सरकार की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता (दीवानी) रीतेश रस्तोगी द्वारा विरोध किया गया. पूर्व में अदालत ने अर्जियों पर सुनवाई करने के बाद गत 21 नवंबर के अपने आदेश में कहा था कि सभी प्रार्थना पत्रों का खंड- खंड में विचार कर निस्तारण किया जाना न्यायोचित नहीं है. न्यायालय ने कहा था कि पक्षकारों की ओर से दिए गए समस्त प्रार्थना पत्रों का निस्तारण निगरानी के साथ-साथ किया जाना उचित होगा.