उत्तरप्रदेश | व्यापार बढ़ाने के लिए कर्ज लिया मगर मुसीबत कम होने के बजाए बढ़ती चली गई. कर्ज अदा करने में असमर्थ हो चुका हूं. लोग ताने देते हैं. अब कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा.... सुसाइड नोट में दर्द बयां कर थोक कारोबारी मनीष अग्रवाल ने (48) ने दोपहर जान दे दी. राजेंद्रनगर स्थित फ्लैट में शव पंखे के हुक में लटकता मिला. फ्लैट में मां लक्ष्मी भी मौजूद थी, जिन्होंने बेटे का शव लटकते देखकर शोर मचाया.
गुरुमुख अपार्टमेंट फ्लैट नम्बर- 203 निवासी मनीष अग्रवाल की मुमताज मार्केट में गिफ्ट की थोक दुकान है. दोपहर पत्नी लक्ष्मी बेटी गुनगुन मोहनलालगंज सत्संग में गई थीं. घर में मनीष के साथ मां लक्ष्मी थी. वह दूसरे कमरे में थी.
बाजार और बैंक से लिया था कर्ज
पड़ोसियों ने बताया कि मनीष का व्यापार ठीक नहीं था. मार्केट से कर्ज लिया था. बैंक लोन भी था. किस्तें भरना मुश्किल हो गया था. पड़ोसियों ने बताया कि दो माह पहले पिता की हार्ट अटैक से मौत हुई है. इसके बाद मां लक्ष्मी की भी सेहत ठीक नहीं है. नाका इंस्पेक्टर तेज बहादुर सिंह ने बताया कि एक सुसाइड नोट मिला है. जिसमें व्यापारी ने कर्ज से परेशान होने की बात लिखी है.