सीएमएस के छात्र आतिफ की मौत बन गई पहेली, डॉक्टर भी हुए हैरान

Update: 2023-09-23 12:03 GMT
उत्तरप्रदेश |  सीएमएस अलीगंज शाखा में कक्षा नौ के छात्र आतिफ की मौत से डॉक्टर भी हैरान हैं. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह साफ नहीं होने से तमाम तरह की आशंकाएं जताई जा रही हैं.
लोहिया संस्थान के ह्दय रोग विशेषज्ञ डॉ. बीसी तिवारी का कहना है कि इतनी कम उम्र में दिल का दौरा पड़ने का खतरा कम होता है. जन्मजात दिल की बीमारी ही बच्चों की जिंदगी खतरे में डाल सकती है. ऐसे में बच्चे की बीमारी के पारिवारिक इतिहास को जानने की जरूरत है. इस उम्र में बच्चे की मौत की बड़ी वजह कोलेस्ट्रॉल गड़बड़ी हो सकती है. मरीज के सीने में दर्द, जकड़न या दबाव हो सकता है. थकान और कमजोरी बनी रहती है. धमनियों में कोलेस्ट्रॉल जमने से अलग-अलग अंगों और मांसपेशियों तक खून का बहाव होता है, जो ऑक्सीजन वितरण को प्रभावित करता है. सामान्य लोगों का दिल एक मिनट में 60 से 100 के बीच धड़कता है. कोरोनरी आर्टी सही रास्ते में न होना भी मरीज के लिए घातक होता है. दिल की बीमारी इलेक्ट्रिकल शार्ट सर्किट में मरीज की धड़कन तेज हो जाती है. चिकित्सा विज्ञान में इसे इलेक्ट्रिकल इम्बैलेंस कहते हैं. इसके बाद मरीज की अचानक मृत्यु हो सकती है.
लोहिया संस्थान में कॉर्डियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. भुवन चन्द्र तिवारी का कहना है कि बिना पोस्टमार्टम रिपोर्ट देखे मौत की वजह बताना कठिन होगा. इस उम्र में दिल का दौरा पड़ने की आशंका बहुत कम होती है. अनुवांशिक बीमारी का बिना पता लगाए कह पाना मुश्किल होगा.
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