एक माह से अस्पताल में भर्ती कैदी की मौत, हत्या के प्रयास की रिपोर्ट दर्ज
जिला जेल में बंद कैदी की राजकीय मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई। वह कई दिन अस्पताल में भर्ती थे और सांस आदि की बीमारी थी। कैदी को दो मामलों में आजीवन कारावास की सजा थी। दोनों मामले जलालाबाद थाना क्षेत्र के हैं, जिनमें हत्या और हत्या के प्रयास की रिपोर्ट दर्ज हुई थी।
जलालाबाद थाना क्षेत्र के गांव बढ़ई निवासी 80 वर्षीय चंद्रपाल पुत्र स्वर्गीय रामलाल जिला जेल में बंद थे। दो मुकदमों में आजीवन कारावास की सजा थी। वह कई माह से बीमार चल रहे थे। उनको सांस आदि की बीमारी थी। 19 सितंबर 22 को कैदी चंद्रपाल की तबीयत अधिक खराब हो गई तो जेल के अस्पताल से राजकीय मेडिकल कालेज के लिए रेफर कर दिया गया।
वह पुरुष वार्ड में भर्ती थे और उनकी देखरेख में जेल के दो सिपाही ड्यूटी पर रहते थे। कैदी चंद्रपाल की बुधवार की सुबह साढ़े छह बजे मौत हो गई। ड्यूटी पर तैनात जेल के सिपाहियों ने जेल अधिकारियों को जानकारी दी। अस्पताल प्रशासन ने कैदी के शव को मोरचरी में रखवा दिया। उधर कैदी के भतीजे राजीव सिंह निवासी ताजूखेल कोतवाली को सूचना दी गई।
भतीजा और अन्य परिवार वाले अस्पताल पहुंचे। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम का पोस्टमार्टम कराया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कैदी की बीमारी से मौत पुष्टि हुई है। उधर राजीव सिंह ने बताया कि वह अपने ताऊ चंद्रपाल से बराबर जेल में मिलाई करने जाता था। वह कई दिन से बीमार थे। उनका जेल प्रशासन पर कोई आरोप नहीं है। चंद्रपाल दो भाइयों में बड़ा था।
कैदी को हत्या और हत्या के प्रयास में थी सजा
जेल अधीक्षक मिजाजी लाल ने बताया कि कैदी चंद्रपाल निवासी बढ़ई थाना जलालाबाद 28 जून 2011 को जेल में दाखिल हुआ था। जलालाबाद थाना में अपराध संख्या 507-93, धारा 302 आपीसी में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। इसी प्रकार जलालाबाद थाना के मुकदमा संख्या 81-1992 धारा 307, 452 आइपीसी में भी आजीवन कारावास की सजा 30 जून 22 को सुनाई गई थी। कैदी चंद्रपाल काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। उनको अस्पताल में बराबार दिखाया जाता था। 19 सितंबर से कैदी अस्पताल में भर्ती थे और बुधवार की सुबह उनकी मौत हो गई।