मुरादाबाद न्यूज़: चौराहों और सड़क के डिवाइडरों के बीच यूनीपोल पर होर्डिंग लगाने के मानक तो हैं, पर उनका पालन किसी भी स्तर पर नहीं होता है. आंख मूंदकर टेंडर किए जा रहे हैं. यूनीपोल और होर्डिंग कभी भी हादसे का सबब बन सकते हैं. पूर्व में यूनीपोल से हादसे महानगर में होते भी रहे हैं. आंधी में पीएसी तिराहे के पास यूनीपोल कार पर गिरा था. उस वक्त कार में कोई सवार नहीं था. वरना बड़ा हादसा हो सकता था. इंपीरियल तिराहे के पास स्वामी विवेकानंद स्मृति द्वार लिखा यूनीपोल गिरने की कगार पर है. फाउंडेशन उखड़नी शुरू हो गई है. खास बात यह कि यहां से हर रोज बड़ी संख्या में निगम के अधिकारियों के अलावा अन्य विभागों के अफसर गुजरते हैं, मगर इस तरफ नजर किसी की भी नहीं पहुंचती. नगर निगम अधिकारियों को इस ओर ध्यान देना चाहिए. वरना इकाना जैसी घटना हो सकती है. चीफ कर निर्धारण अधिकारी आरती सिंह ने बताया कि टेंडर देने में मानकों का ध्यान रखा है. यदि लापरवाही सामने आई तो नोटिस देने की कार्रवाई होगी.
यह हैं यूनीपोल को लेकर मानक चौराहों व तिराहों के 50 मीटर के दायरे में यूनीपोल-होर्डिंग आदि विज्ञापन नहीं किए जा सकते हैं. सड़क व फुटपाथ से कम से कम तीन मीटर की दूरी के बाद यूनीपोल लगने चाहिए. विज्ञापनों पर चमकीली लाइट्स का भी उपयोग नहीं होना चाहिए. इससे वाहन चालक भ्रम होता है. सड़क से एक मी. दूर होने की स्थित में होर्डिंग का साइज करीब 3.2 वर्ग फीट का हो सकता है. मगर यहां मानकों का पालन नहीं होता है.