साइबर अपराधियों ने घर बैठे कमाई का झांसा देकर लाख रुपये ठगे
पुलिस का कहना है कि जालसाजों को ट्रेस करने का प्रयास किया जा रहा है.
गाजियाबाद: साइबर अपराधियों ने घर बैठे कमाई का झांसा देकर शक्तिखंड-दो निवासी युवक से .55 लाख रुपये ठग लिए. ठगी का पता लगने पर पीड़ित ने साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया. पुलिस का कहना है कि जालसाजों को ट्रेस करने का प्रयास किया जा रहा है.
शक्तिखंड-दो इंदिरापुरम में रहने वाले अंकुर चौधरी का कहना है कि दो की सुबह नौ बजे उन्हें एक व्हॉट्सऐप ग्रुप में जोड़ा गया. ग्रुप में उनके सामने घर बैठे कमाई का प्रस्ताव रखा गया, जिसके लिए वह सहमत हो गए. इसके बाद उन्हें व्हॉट्सऐप चैनलों को फॉलो करने का काम दिया गया. एक बार फॉलो करने पर उन्हें 0 रुपये दिए गए. इसके बाद उन्हें गूगल मैप पर रिव्यू देने पर 180 रुपये मिलने की बात कही गई. अंकुर चौधरी का कहना है कि इसके बाद आरोपियों ने मोटे मुनाफे का लालच देकर प्रीपेड टास्क पूरे करने के लिए कहा गया. शुरूआत में पैसा निवेश करने पर उनके खाते में मुनाफा दर्शाया गया. अंकुर चौधरी का कहना है कि धीरे-धीरे करके आरोपियों ने उनसे .55 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए गए.
बैंक का कर्मचारी बनकर खाते से दस लाख रुपये उड़ाए : वसुंधरा सेक्टर-दस निवासी मोतीलाल गुप्ता ने बताया कि छह को गूगल से बैंक का कस्टमर केयर नंबर खोज संपर्क किया, लेकिन फोन कट गया. थोड़ी देर बाद अनजान नंबर से फोन आया. कॉलर ने खुद को बैंककर्मी बताकर खाते और एटीएम कार्ड की डिटेल ले ली. इसके बाद एक ऐप कराकर कोड पूछा. उसे बताते ही उनरे खाते से कई बार में .48 लाख रुपये साफ हो गए. पीड़ित ने साइबर थाने में शिकायत दी. एसीपी क्राइम रितेश त्रिपाठी का कहना है कि जांच की जा रही है.
कार के नाम पर ढाई लाख रुपये हड़पे
नोएडा के सेक्टर-68 निवासी निगम ने बताया कि दीपक नाम के व्यक्ति से 2.20 लाख रुपये नकद और 30 हजार रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर किए थे. बाद में पता चला कि कार पर लोन बकाया है. साथ ही दीपक का असली नाम लोमेश कसाना है. आरोप है कि उसने फर्जी आईडी और आरसी दिखाकर उन्हें फाइनेंस की कार बेच दी. घटना के संबंध में पीड़ित ने नंदग्राम थाने में शिकायत दी. एसीपी रवि कुमार सिंह का कहना है कि कार्रवाई की जा रही है.
सिपाही के पिता से 97 हजार रुपये ऐंठे
खोड़ा के संगम पार्क निवासी जबर सिंह के बेटे निपेंद्र कुमार सिपाही हैं और सीतापुर में तैनात हैं. जबर सिंह ने बताया कि 31 जनवरी को मोबाइल पर व्हाट्सएप कॉल आई. आरोपी ने खुद को पुलिस अधिकारी बताया. उसने कहा कि निपेंद्र समेत सात लोग दुष्कर्म के केस में फंस गए हैं. बेटे को बचाना चाहते हो तो एक लाख रुपये भेज दो. जालसाज ने अपनी यूपीआई आईडी भी भेज दी. उन्होंने घबराकर किसी को कुछ भी बताए तीन बार में 97 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए.