वाहनों की मरम्मत पर फूंके करोड़ों, अब फाइलें छुपाईं

Update: 2023-07-21 09:27 GMT

लखनऊ न्यूज़: वाहनों की मरम्मत के नाम पर करोड़ों खर्च करने के बाद अब इनकी फाइलें ही छुपा दी गयी हैं. ऑडिट विभाग इनकी जांच के लिए बार-बार फाइलें मांग रहा है, लेकिन उसे दस्तावेज नहीं मिल रहे हैं. अब इस मामले में उसने महापौर और नगर आयुक्त को भी रिपोर्ट भेज दी है. ऑडिट विभाग ने नगर निगम को भारी आर्थिक क्षति की आशंका जताई है.

नगर निगम के आरआर विभाग में पूर्व में वाहनों की मरम्मत में हुए घोटाले की जांच विजिलेंस कर रही है. तत्कालीन मुख्य अभियंता समेत दो बड़े अफसर और सात कर्मचारी भी जांच के दायरे में हैं. पुरानी जांच की अभी रिपोर्ट नहीं आ पाई है. ऑडिट विभाग को पता चला है कि वाहनों की मरम्मत के नाम पर 15 मई 2023 को 77.53 लाख रुपए भुगतान किया गया. दोबारा इसी महीने 23 मई को 90.15 लाख का भुगतान किया गया. यह वाहनों की मरम्मत के नाम पर हुआ है. मुख्य नगर लेखा परीक्षक ऑडिट के लिए फाइलें कई बार मांग चुके हैं. उन्होंने रिपोर्ट में कहा कि अनुरोध के बावजूद पत्रावली नहीं दी गयी. नगर निगम को भारी क्षति की आशंका है. नगर निगम कार्यकारिणी को भी रिपोर्ट भेज दी गई है.

इन्वेस्टर्स समिट में भी 38 रुपये लाख का भुगतान

मुख्य नगर लेखा परीक्षक ने रिपोर्ट में इन्वेस्टर्स समिट के दौरान मार्च 2023 में इन्वेस्टर्स समिट में मरम्मत पर 38 लाख खर्च कर भुगतान हो चुका है पर फाइल आडिट को नहीं दी गयी.

बीते साल की भी फाइलें नहीं

वित्तीय वर्ष 2022-23 की रोकड़ बही की जांच ऑडिट विभाग ने की. पता चला कि 31 मार्च 2023 को बजट मद 2, 3 डी से वाउचर 5828 से 57 तक के द्वारा मोनार्च ट्रेडर्स को 61.70 लाख भुगतान किया गया है. इसकी भी फाइल नहीं दी गई.

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