अलीगढ़ न्यूज़: अलीगढ़ में वीआईपी दिखने और दिखाने का चलन तेजी से बढ़ रहा है. संभागीय परिवहन विभाग द्वारा जारी किए जाने वाले वीआईपी नंबरों की खरीद में तेजी नजर आ रही है. पिछले तीन साल में वीआईपी नंबर के लिए अलीगढ़ वासियों ने 2.78 करोड़ रुपये खर्च दिए. वर्ष 2020-21 में जहां 67 लाख रुपये वीआईपी नंबरों पर खर्च किया. वहीं 2022-23 में डेढ़ गुना से अधिक 1.1 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.
संभागीय परिवहन विभाग दो पहिया और चार पहिया वाहनों के लिए चार वर्गों में वीआईपी नंबर जारी किए जाते हैं. जिसमें सबसे पहला अति आकर्षक पंजीयन (वीआईपी) नंबर, दूसरा अति महत्वपूर्ण पंजीयन नंबर, तीसरा आकर्षक पंजीयन नंबर और महत्वपूर्ण पंजीयन नंबर जारी किए जाते हैं. दो पहिया वाहनों के वीआईपी नंबर की शुरुआती कीमत 20 हजार और चार पहिया वाहनों के लिए एक लाख रुपये रखी गई है. जिसके लिए बोली लगाई जाती है. इस कैटेगरी में 19 नंबरों को शामिल किया गया है. तीन साल के आंकड़ों को देखे तो वीआईपी और पसंद के नंबरों के लिए लोगों ने करोड़ों रुपये खर्च कर दिए. वर्ष 2020 से 2023 तक 2.67 करोड़ रुपये का भुगतान वीआईपी नंबर के लिए किया गया है.
वर्ष 2020-21 में 38 वीआईपी नंबर और 766 अति महत्वपूर्ण पंजीयन नंबर की खरीदारी 67.82 लाख रुपये से की गई. वर्ष 2021-22 में 45 वीआईपी और 1126 अति महत्वपूर्ण पंजीयन नंबर की खरीदारी 99 लाख रुपये से की गई. 2022-23 में 38 वीआईपी और 1495 पसंद के लिए 1.11 करोड़ रुपये खर्च किए गए.
ये भी जानिए:
● वीआईपी- पंसद के नबंर के लिए तीन साल में 2.78 करोड़ रुपये किए खर्च
● वीआईपी नंबर के लिए एक लाख रुपये से शुरू होती है बोली
● पसंद के नंबरों के लिए पांच हजार रुपये का करना होता है भुगतान
● सबसे अधिक 0001 से 0009 तक के नंबर हैं पहली पसंद
● 0001 व 0009 वाले नंबरों की एक से लेकर चार लाख तक बोली
वीआईपी और च्वॉइस के नंबरों की अलग अलग श्रृंखला ऑनलाइन मौजूद है. जिसके लिए इच्छुक व्यक्ति को बोली लगानी होती है. अलीगढ़ में वीआईपी नंबर को लेकर चलन तेजी से बढ़ रहा है. तीन साल की तुलना में नंबर खरीदने का आंकड़ा दो गुना तेजी से बढ़ा है.
फरीद्उद्दीन, आरटीओ प्रवर्तन.