गोशाला में भूख, प्यास और बदहाली से मर रहे गोवंश

Update: 2023-05-04 08:27 GMT

झाँसी न्यूज़: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार गोरक्षा और गोसेवा के कितने भी दावे कर ले और करोड़ों का बजट स्वाहा कर दे. उनके ही जिम्मेदार अधिकारी उनके दावों की पोल खोलते नजर आ रहे हैं.

विकास खण्ड की बड़ी आबादी और सबसे ज्यादा बजट की ग्राम पंचायत बिजरौठा में गोशाला की बदहाली और बदइंतजामी के चलते आएदिन भूख-प्यास से गोवंश दम तोड़ रहे. जिसकी सूचना ग्रामीणों के द्वारा लगातार ग्राम प्रधान और सचिव को दी जा रही है, लेकिन सूचना के बाद भी गोवंशों का बुरा हाल है. गोवंश चारा-पानी व इलाज के अभाव में आए दिन मर रहे है. वहीं इसमें जितना जिम्मेदार ग्राम प्रधान और सचिव हैं उससे कहीं ज्यादा जिम्मेदार पशु चिकित्सक भी है. ग्राम पंचायत बिजरौठा की स्थाई गोशाला में करीब 300 गोवंश मौजूद है. जिनकी देखरेख के लिए छह कर्मचारी लगाए गए है. जिन पर करीब 40 हजार रुपये प्रतिमाह व्यय होता है. इसी तरह भूसे और दवाओं पर मिलाकर करीब 2 लाख रुपये व्यय किए जाते है. मगर इन गोवंशों को भूसे की जगह डंठल नसीब हो रहे. भूख व प्यास से हर रोज गोवंश की मौत हो रही है. जितने गोवंश मर रहे उतने ही कैटल वाहन से रोज पकड गोशाला में पहुंचा दिए जा रहे, गोवंश की संख्या उतनी ही बनी रहे. जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते गोवंश आए दिन दम तोड़ रहे है. ग्रामीणों का कहना है कि पहले भी कई गाय दम तोड़ चुकी हैं. जिम्मेदारों द्वारा आस की खाई में फेंक दिया जाता है.

आकास्मिक रूप से हुई बारिश से गोशालाओं की स्थिति खराब हुई है. बिजरौठा गोशाला में तीन गोवंश की मौत हो गई है. अन्य के उपचार के लिए पशु डॉक्टरों की टीम भेजी गई है. -राजेश बघेल,खंड विकास अधिकारी

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