कोर्ट ने अभियुक्त को 1 वर्ष के कारावास के साथ 16 लाख का अर्थदंड की सजा सुनाई

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Update: 2022-09-11 12:29 GMT
मुज़फ्फरनगर। बैंक में आठ लाख रुपये का चेक बाउंस होने के मामले में अभियुक्त को कोर्ट ने एक वर्ष की सजा सुनाई है और 16 लाख रुपये का अर्थदंड भी किया है। बताया जा रहा है कि धीर सिंह पुत्र जय सिंह निवासी ग्राम गंगधारी थाना खतौली जिला मुजफ्फरनगर की जान पहचान गुलबदन पवार पुत्र रणधीर सिंह पवार निवासी नई दिल्ली से थी । गुलबदन पवार ने ठेकेदारी के लिए धीर सिंह से 8,00,000 आठ लाख रुपये उधार लिए थे, जिस के भुगतान की एवज में अभियुक्त गुलबदन पवार ने अपने खाते का एक चेक 800000 लाख का धीर सिंह परिवादी को दिया। धीर सिंह के द्वारा उक्त चेक अपने बैंक में भुगतान हेतु प्रस्तुत किया, जो अभियुक्त गुलबदन पवार के खाते में पर्याप्त धनराशि नहीं होने के कारण डिशऑनर होकर बिना भुगतान के वापस परिवादी को प्राप्त हो गया।
जिसके उपरांत परिवादी के द्वारा अभियुक्त गुलबदन पवार को धारा 138 एनआई एक्ट के तहत नोटिस भिजवाया उसके उपरांत भी अभियुक्त ने चेक की धनराशि का भुगतान परिवादी को नहीं किया जिसके उपरांत न्यायालय में धारा 138 एन आई एक्ट के तहत परिवादी धीर सिंह के द्वारा अभियुक्त गुलबदन पवार के विरुद्ध परिवाद दाखिल किया गया, जिसमें न्यायालय के द्वारा सुनवाई करते हुए गुलबदन पवार को धारा 138 एन आई एक्ट के तहत तलब किया मामले की सुनवाई अतिरिक्त न्यायालय 138 एन आई एक्ट के पीठासीन अधिकारी सुरेंद्र पाल गोयल के न्यायालय में हुई। परिवादी धीर सिंह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अमित कुमार जैन ने पैरवी की तथा परिवादी धीर सिंह की ओर से न्यायालय में सभी आवश्यक गवाह प्रस्तुत करके मुकदमे को साबित कराया।
अभियुक्त दौरान वाद स्वयं को निर्दोष साबित करने में विफल रहा। न्यायालय के द्वारा दोनों पक्षों को साक्ष्य एवं सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुए गुण दोष के आधार पर अभियुक्त गुलबदन पवार को दोषी करार दिया गया तथा अभियुक्त गुलबदन पवार न्यायालय में जजमेंट की तिथि पर उपस्थित नहीं आया जिस कारण न्यायालय के द्वारा सजा के बिंदु पर अभियुक्त को नहीं सुना जा सका तथा सजा एवं जुर्माना नहीं सुनाया जा सका, इसलिए अतिरिक्त न्यायालय 138 एनआई एक्ट के पीठासीन अधिकारी सुरेंद्रपाल गोयल के द्वारा अभियुक्त को दोषी करार देते हुए उसके विरुद्ध तत्काल गिरफ्तारी वारंट जारी करते हुए पुलिस कमिश्नर दिल्ली को पत्र भी जारी किया। इसके बाद अभियुक्त न्यायालय में हाजिर आया न्यायालय ने अभियुक्त को 1 वर्ष के कारावास के साथ 16 लाख का अर्थदंड की सजा सुनाई।
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