आगरा : आगरा में किशोरी की मां ने सौतेले पिता पर बेटी के साथ दुष्कर्म का आरोप लगाया था। मगर, मेडिकल में पुष्टि नहीं हुई। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट सोनिका चौधरी ने सदर थाना क्षेत्र के रहने वाले सौतेले पिता को साक्ष्य के अभाव में बरी करने के आदेश दे दिए।
थाना सदर बाजार थाने में किशोरी की मां ने तहरीर दी थी। 2013 में उनका पहले पति से तलाक हो गया था। उसके एक बेटी थी। 2015 में दूसरी शादी कर ली। बेटी को लेकर दूसरे पति के साथ रहने लगी। आरोप लगाया कि 4 दिसंबर 2022 को वह घरों में काम करने गई थी। बेटी और पति घर पर अकेले थे। उसके सौतेले पिता ने दुष्कर्म कर बेटी का जान से मारने की धमकी दी। पुलिस ने दुष्कर्म, धमकी और पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
मुकदमे के विचारण के दौरान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ने किशोरी की मां, पीड़ित बेटी, डॉ. विजय लक्ष्मी दिनकर, प्रधानाचार्य छाया अग्रवाल सहित सात गवाह अदालत में पेश किए। डॉक्टर ने दुष्कर्म से संबंधित कोई स्पस्ट आख्या नहीं दी। घटना के दौरान पीड़िता के पहने कपड़े भी पुलिस को नहीं दिए गए थे। सतेंद्र पाल सिंह, जनक वर्मा, पंकज यादव और चंद्रदीप शर्मा ने आरोपी की तरफ से अदालत में तर्क दिए।