अदालत ने पूर्व विधायक के भाई पर हमले में दो को बरी किया

अदालत ने कमजोर साक्ष्यों के आधार पर अपना फैसला सुनाया

Update: 2024-04-02 06:10 GMT

अलीगढ़: पूर्व विधायक स्व.मलखान सिंह के भाई दलवीर सिंह पर हमले के मुकदमे में गोंडा के पूर्व ब्लॉक प्रमुख प्रदीप सिंह व उसके भाई सुधार को अदालत ने बरी कर दिया है. अदालत ने कमजोर साक्ष्यों के आधार पर अपना फैसला सुनाया. हालांकि दोनों ही पूर्व विधायक हत्याकांड में सजायाफ्ता हैं और बुलंदशहर जेल में निरुद्ध भी हैं.

बचाव पक्ष के अधिवक्ता संजीव शर्मा के अनुसार घटना छह मई 10 की बताई गई. मुकदमे के आरोप के अनुसार वादी मुकदमा पूर्व विधायक मलखान सिंह के भाई दलवीर सिंह निवासी रामप्यारी विहार मैलरोज बाईपास अपने भाई मलखान सिंह के ज्ञान सरोवर स्थित के बाहर खड़े होकर भतीजे पुष्पेंद्र से बातचीत कर रहे थे. आरोप लगाया कि तभी बिना नंबर की एक कार में सवार नामजद हमलावर आए और जान से मारने की नीयत से वादी व भतीजे पर फायर किए. वे दीवार की आड़ लेकर बच गए. फायरिंग की आवाज पर जब तक गार्ड बाहर आते, तब तक कार सवार हमलावर रमेश विहार की ओर भाग गए. तहरीर के अनुसार वे अपने भाई स्व. मलखान सिंह की हत्या का मुकदमा लड़ रहे हैं. जिसमें गवाही चल रही हैं. उसी रंजिश में हत्या के इरादे से हमला किया गया. क्वार्सी पुलिस ने मामले में चिंता की नगरिया गोंडा के जितेंद्र उर्फ जीतू, शहरी मदन गढ़ी के प्रदीप सिंह, उसके भाई एसके उर्फ सुधीर, हरदुआगंज कलाई के रॉबी व जेवर गौतमबुद्ध नगर के शरीफ को नामजद किया. जांच में उजागर हुआ कि घटना के समय जीतू किसी अन्य मुकदमे में आगरा जेल में निरुद्ध था. बाकी रॉबी व शरीफ के खिलाफ पत्रावली कमिट नहीं हो सकी.

पूर्व ब्लॉक प्रमुख प्रदीप व सुधीर के खिलाफ दायर चार्जशीट के आधार पर ट्रायल हुआ. इसी ट्रायल में बचाव पक्ष की ओर से तर्क दिया गया कि मौके से न तो हथियार मिले और न खोखा या कारतूस मिले न पुलिस ने कार बरामद की. अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने बचाव पक्ष के इन्हीं तर्कों के आधार पर प्रदीप व सुधीर को बरी कर दिया.

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