Court: एक ही परिवार के नौ लोगों समेत 14 को कठोर कारावास

Update: 2024-07-26 13:48 GMT
बदायूं Badaun: उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले की एक अदालत ने आपसी रंजिश में लूट और हत्या के 17 साल पुराने मामले में एक ही परिवार के नौ सदस्यों समेत 14 आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही छह दोषियों पर 50-50 हजार रुपये और आठ पर 30-30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (एडीजीसी) ने शुक्रवार को बताया कि 25 जुलाई को विशेष न्यायाधीश रेखा शर्मा ने इस मामले में 14 आरोपियों को दोषी करार दिया था। ये सभी जमानत पर थे। उन्होंने बताया कि इन सभी को गुरुवार देर शाम आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई और छह दोषियों पर 50-50 हजार रुपये और आठ पर 30-30 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। शर्मा ने बताया कि जुर्माना अदा न करने की स्थिति में सभी को छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। उन्होंने बताया कि थाना
जरीफनगर क्षेत्र के गांव खरखोल में वर्ष 2007 में राधेश्याम नामक व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी। Jarifnagar थाने के एसएचओ रवि करण ने बताया कि राधेश्याम की हत्या के मामले में पुलिस ने हरपाल सिंह, नरेश, राजू, परसोती और महेश समेत छह लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। पुलिस ने जांच पूरी कर चार्जशीट दाखिल की थी और मामले में सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, राधेश्याम की हत्या के ठीक आठ दिन बाद 15 फरवरी 2007 को हरपाल सिंह के बेटे पान सिंह की हत्या कर दी गई थी। शर्मा ने बताया कि पान सिंह के पिता हरपाल सिंह ने लिखित शिकायत दी थी कि राधेश्याम की हत्या के आठ दिन बाद 15 फरवरी 2007 को सुबह आठ बजे राधेश्याम के परिवार के लोगों ने कुल्हाड़ी, लाठी-डंडे और अन्य हथियारों से उनके घर पर हमला कर दिया।
शिकायत के मुताबिक सभी ने फायरिंग की और घर में रखे जेवर, कपड़े आदि लूट लिए और पान सिंह को पीटते हुए घर से बाहर खींचकर कुल्हाड़ी से मार डाला। शर्मा ने बताया कि हरपाल की शिकायत के आधार पर हत्या और लूट की धाराओं में दर्ज एफआईआर में 12 लोगों को नामजद किया गया था। विवेचना के बाद चार्जशीट दाखिल करते समय पुलिस को चार और आरोपियों के नाम पता चले और कुल 16 लोगों के खिलाफ Chargesheet दाखिल की गई।
नामजद आरोपियों में से दो की मुकदमे के दौरान मौत हो गई। एडीजीसी ने बताया कि आजीवन
कारावास
की सजा पाने वालों में राधेश्याम के सगे भाई उरमान व धर्म सिंह, चाचा भरोसे, चचेरे भाई अतर सिंह और परिवार के राम सिंह, नरेश, भगवान सिंह, विनीत, प्रेम सिंह शामिल हैं। इनके साथी मझोला के वीरपाल, वंशीपुर गांव के बलवीर, गोबरा निवासी टीटू, संभल जिले के बहजोई थाना क्षेत्र के गांव कैलमुंडी निवासी धर्मवीर और एक अन्य श्रीपाल को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। मुकदमे के दौरान आरोपी साधू सिंह और रामअवतार की मौत हो गई।
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