जमीन के लालच में भतीजी की हत्या में दंपती को दस साल की सजा

Update: 2023-04-07 10:28 GMT
हमीरपुर। थाना जरिया के करौंदी गांव में पिछले करीब सात साल पूर्व युवती की हत्या उसके चाचा चाची ने जमीन के लालच में कर दी। इस मामले की सुनवाई जनपद न्यायाधीश डा. अनुपम गोयल की अदालत ने दंपती को दस की सजा सुनाई। वहीं मृतका के चचेरे भाइयों को अदालत ने दोष मुक्त कर दिया।
जिला शासकीय अधिवक्ता हमीरपुर राजेश कुमार शुक्ल ने बताया कि थाना जरिया के करौंदी गांव निवासी महेन्द्र कुमार पुत्र स्व किशोरी लाल ने चाचा-चाची व दो चचेरे भाइयों के खिलाफ बीते 10 जुलाई 2017 को हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पीड़ित ने बताया कि वह अपने घर से काम करने दिल्ली गया था और अपनी बहन अंगूरी को अपने चाचा, चाची के पास छोड़ गया था। आठ जुलाई 1917 को सुबह उसके पास कुछ गांव के लोगों ने फोन कर बताया कि उसकी बहन की तबियत खराब है। जल्दी घर आ जाओ तो वह दिल्ली से निकला जब दूसरे दिन राठ आया तब गांव के कुछ लोग मिले और बताया कि उसकी बहन तो खत्म हो चुकी है तो तुरंत उन लोगों को फोन किया। कहा जब तक वह न आ जाए दाह संस्कार नहीं करना। घर पहुंचने पर पता चला कि बहन का दाह संस्कार आठ जुलाई को ही कर दिया था और गांव के सारे लोगों ने बताया कि बहन ने आत्महत्या नहीं की है।
बहन को उसके चाचा ऊदल पुत्र धूराम चाची मुन्नी, उनके लड़के सुशील कुमार व दीपू ने हत्या कर दी है। 10 जुलाई को सुबह सात बजे गांव के पूर्व प्रधान एवं गांव के सम्मानित व्यक्तियों को शंकर जी के चबूतरा पर एकत्रित किया। जहां गांव के लोगों के सामने चारों ने घटना को कुबूल किया और बताया कि उसकी बहन के नाम कुछ जमीन थी उस जमीन के लालच में उन लोगों ने उसे मारा डाला है। इस मामले में अदालत ने चाचा चाची को दोषी पाया और दस वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। वहीं चचेरे भाइयों को दोषमुक्त कर दिया। अदालत ने दोनों को एक एक लाख रुपये जुर्माना लगाया है। जिसमें आधा पैसा पीड़ित पक्ष को देने का आदेश दिया है।
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