उत्तरप्रदेश। दीपावली के बाद प्रदूषण और मौसम में बदलाव के कारण बुखार, खांसी और जुकाम के मरीज एकाएक बढ़े हैं. आधे दिन की ओपीडी में जिला एमएमजी और संयुक्त अस्पताल में कुल 1800 मरीज पहुंचे. इनमें 1200 मरीज इन्हीं रोगों के रहे. बच्चों को प्रदूषण की वजह से गले में खराश और बुखार की समस्या ज्यादा पाई गई.
जिला एमएमजी अस्पताल में करीब 150 बच्चों की ओपीडी हुई. इनमें सवा सौ बच्चे खांसी, जुकाम और बुखार से पीड़ित पाए गए. इसी तरह संयुक्त चिकित्सालय में बाल रोग विशेषज्ञ पास 100 बच्चे ओपीडी में पहुंचे. इनमें ज्यादातर बुखार, खांसी से पीड़ित थे. दोनों सरकारी अस्पतालों में ही कुल 1800 मरीज देखे गए. ज्यादातर मरीज फिजिशियन को दिखाने के लिए कतार में खड़े नजर आए. वरिष्ठ फिजिशियन डा. आरपी सिंह का कहना है कि वायु प्रदूषण मानव शरीर के लिए बेहद खतरनाक है. इससे गले में तकलीफ, फेफड़ों को नुकसान होने के बाद कई तरह की समस्याएं हो जाती हैं. इन दिनों दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण काफी ज्यादा बढ़ गया है. एयर क्वलिटी इंडेक्स 300 के पार पहुंच गया है. इसका सीधा असर फेफड़ों पर पड़ रहा हैं यानी इसमें खुले मुंह सांस लेना काफी नुकसानदेह है.
वरिष्ठ फिजिशियन डा. संतराम वर्मा ने बताया कि घर से बाहर जाते समय मास्क जरूर पहनना चाहिए. इससे कोरोना वायरस के अलावा वायु प्रदूषण से भी बचाने में मदद करेगा. इसके साथ ही बच्चों को भी मास्क पहनाकर रखें.
मौसम के बदलाव और प्रदूषण की वजह से बुखार के मरीजों ज्यादा आए. लेकिन कोई मरीज हालात में नहीं था. ओपीडी में उपचार के बाद दवा दे दी गई. -डॉ. मनोज चतुर्वेदी, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, एमएमजी अस्पताल